"अफ़ग़ानिस्तान": अवतरणों में अंतर

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अफ़ग़ानिस्तान रेशम मार्ग और मानव प्रवास का एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य [[पाषाण काल]] ​​के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3000 से 2,000 ई.पू. के रूप में मानी जा सकती है। यह क्षेत्र एक ऐसे भू-रणनीतिक स्थान पर अवस्थित है जो [[मध्य एशिया]] और [[पश्चिम एशिया]] को [[भारतीय उपमहाद्वीप]] की [[संस्कृति]] से जोड़ता है। इस भूमि पर [[कुषाण]], [[हफ्थलिट]], [[समानी]], [[गजनवी]], [[मोहमद गौरी]], [[मुगल]], [[दुर्रानी]] और अनेक दूसरे प्रमुख साम्राज्यों का उत्थान हुआ है। प्राचीन काल में [[फ़ारस]] तथा शक साम्राज्यों का अंग रहा अफ़्ग़ानिस्तान कई सम्राटों, आक्रमणकारियों तथा विजेताओं की कर्मभूमि रहा है। इनमें [[सिकन्दर]], फारसी शासक [[दारा प्रथम]], तुर्क,[[मुगल]] शासक [[बाबर]], [[मुहम्मद गौरी]], [[नादिर शाह]] सिख साम्राज्य इत्यादि के नाम प्रमुख हैं। [[ब्रिटिश]] सेनाओं ने भी कई बार अफ़ग़ानिस्तान पर आक्रमण किया। वर्तमान में [[अमेरिका]] द्वारा [[तालेबान]] पर आक्रमण किये जाने के बाद [[नाटो]](NATO) की सेनाएं वहां बनी हुई हैं।
 
अफ़ग़ानिस्तान के प्रमुख नगर हैं- राजधानी [[काबुल]], [[कंधार]] (गंधार प्रदेश) भारत के प्राचीन ग्रंथ महाभारत में इसे गंधार प्रदेश कहा जाता था। यहाँ कई नस्ल के लोग रहते हैं जिनमें [[पश्तून]] (पठान या अफ़ग़ान) सबसे अधिक हैं। इसके अलावा उज्बेक, ताजिक, तुर्कमेन और हज़ारा शामिल हैं। यहाँ की मुख्य भाषा [[पश्तो]] है। [[फ़ारसी]] भाषा के अफ़गान रूप को [[दरी फ़ारसी|दरी]] कहते हैं।
 
== नाम ==
अफ़्ग़ानिस्तान का नाम [[अफगान]] और ''स्थान या (स्तान'' )जिसका मतलब भूमि होता है से मिलकरलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है ''अफ़गानों की भूमि''। स्थान या (स्तान) इसभारत क्षेत्रकी केप्राचीन कईभाषा देशों केसंस्कृत नामका मेंशब्द है जैसे- [[पाकिस्तान]], [[तुर्कमेनिस्तान]], [[कज़ाख़स्तान]], [[हिन्दुस्तान]] ( हिंदुस्थान )इत्यादि जिसका अर्थ है भूमि या देश। अफ़्गान का अर्थ यहां के सबसे अधिक वसित नस्ल ([[पश्तून]]) को कहते है। अफ़्गान शब्द को [[संस्कृत]] अवगान से निकला हुआ माना जाता है। ध्यान रहे की "अफ़्ग़ान" शब्द में [[ग़|ग़ की ध्वनी]] है और "ग" की नहीं।
 
== इतिहास ==
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मानव बसाहट १०,००० साल से भी अधिक पुराना हो सकता है। ईसा के १८०० साल पहले आर्यों का आगमन इस क्षेत्र में हुआ। ईसा के ७०० साल पहले इसके उत्तरी क्षेत्र में [[गांधार]] महाजनपद था जिसके बारे में भारतीय स्रोत [[महाभारत]] तथा अन्य ग्रंथों में वर्णन मिलता है। ईसापूर्व ५०० में [[फ़ारस]] के [[हखामनी]] शासकों ने इसको जीत लिया। [[सिकन्दर]] के फारस विजय अभियान के तहते अफ़गानिस्तान भी [[यूनानी साम्राज्य]] का अंग बन गया। इसके बाद यह शकों के शासन में आए। शक स्कीथियों के भारतीय अंग थे। ईसापूर्व २३० में मौर्य शासन के तहत अफ़ग़ानिस्तान का संपूर्ण इलाका आ चुका था पर मौर्यों का शासन अधिक दिनों तक नहीं रहा। इसके बाद पार्थियन और फ़िर सासानी शासकों ने फ़ारस में केन्द्रित अपने साम्राज्यों का हिस्सा इसे बना लिया। [[सासनी वंश]] [[इस्लाम]] के आगमन से पूर्व का आखिरी ईरानी वंश था। अरबों ने ख़ुरासान पर सन् ७०७ में अधिकार कर लिया। [[सामानी वंश]], जो फ़ारसी मूल के पर सुन्नी थे, ने ९८७ इस्वी में अपना शासन गजनवियों को खो दिया जिसके फलस्वरूप लगभग संपूर्ण अफ़ग़ानिस्तान ग़ज़नवियों के हाथों आ गया। ग़ोर के शासकों ने गज़नी पर ११८३ में अधिकार कर लिया।
 
मध्यकाल में कई अफ़्गान शासकों ने [[दिल्ली]] की सत्ता पर अधिकार किया या करने का प्रयत्न किया जिनमें [[लोदी वंश]] का नाम प्रमुख है। इसकेअफगानिस्तान अलावा भीपर कईसिख मुस्लिमसाम्राज्य आक्रमणकारियोंके नेप्रतापी अफगानराजा शाहोंदिलीप कीसिंह मदद सेका हिन्दुस्तानकई परवर्षों आक्रमणतक कियाअधिकार थारहा जिसमेंl [[बाबर|अफगान उसे मिलकर बाबर]], [[नादिर शाह]] तथा [[अहमद शाह अब्दाली]] शामिलने दिल्ली पर आक्रमण किए है। अफ़ग़ानिस्तान के कुछ क्षेत्र [[दिल्ली सल्तनत]] के अंग थे।
 
=== आधुनिक काल ===