"ग्वालियर का क़िला": अवतरणों में अंतर

गुर्जर के बदले राजपूत लिखा जो सही है सम्राट मिहिरभोज राजपूत थे न कि गुर्जर
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'''ग्वालियर दुर्ग''' [[ग्वालियर]] शहर का प्रमुखतम स्मारक है। यह किला 'गोपाचल' (गोप + अचल = गोप पर्वत) नामक [[पर्वत]] पर स्थित है। किले के पहले राजा का नाम सूरज सेन था, जिनके नाम का प्राचीन 'सूरज कुण्ड' किले पर स्थित है। इसका निर्माण 840 ई. वीं में राजपूतगुर्जर प्रतिहार सम्राट [[मिहिर भोज]] ने किया था। <ref> जनइतिहास</ref> विभिन्न कालखण्डों में इस पर विभिन्न शासकों का नियन्त्रण रहा। इस किले पर स्थित [[तेली का मंदिर|तेली मंदिर]] का निर्माण भी मिहिरभोज के शासन काल मे तेल के व्‍यापार धन से हुआ था। तेल के व्यापीरीयों को समर्पित यह मंदिर तेली का मंदिर कहलाता है।तेल व्यापारी से संबंधित एक कहावत बहोत ही मशूहर है। कहा राजा भोज कहां गंगु तेली। [[गुजरी महल]] का निर्माण रानी [[मृगनयनी]] के लिए कराया गया था। वर्तमान समय में यह दुर्ग एक पुरातात्विक संग्रहालय के रूप में है। इस दुर्ग में स्थित एक छोटे से मन्दिर की दीवार पर '''[[शून्य]] (०)''' उकेरा गया है जो शून्य के लेखन का दूसरा [[बक्षाली पाण्डुलिपि|सबसे पुराना]] ज्ञात उदाहरण है। यह शून्य आज से लगभग १५०० वर्ष पहले उकेरा गया था।<ref>[http://www.smithsonianmag.com/smart-news/you-can-visit-the-worlds-oldest-zero-at-a-temple-in-india-2120286/?no-ist You Can Visit the World’s Oldest Zero at a Temple in India], Smithsonian magazine</ref>
 
== परिचय ==