"हिन्दू काल गणना": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो 2409:4064:192:694B:59F3:DC56:9862:116A (Talk) के संपादनों को हटाकर 2409:4064:117:FC49:480A:C742:A6A9:12B3 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 1:
 
[[चित्र:Hindu calendar 1871-72.jpg|200px|thumb|हिन्दू पंचांग का एक पृष्ठ]]
[[चित्र:हिन्दू समय.JPG|250px|thumb|right|हिन्दू समय मापन, लघुगणकीय पैमाने पर]]
[[File:Bhaskar Yantra Dongala Ujjain India (2).jpg|thumb|डोंगला [[उज्जैन]] स्थित भास्कर यंत्र]]
प्राचीन [[हिन्दू]] खगोलीय और पौराणिक पाठ्यों में वर्णित '''समय चक्र''' आश्चर्यजनक रूप से एक समान हैं। प्राचीन भारतीय भार और मापन पद्धतियां, अभी भी प्रयोग में हैं (मुख्यतः हिन्दू और जैन धर्म के धार्मिक उद्देश्यों में)। यह सभी [[सुरत शब्द योग]] में भी पढ़ाई जातीं हैं। इसके साथ साथ ही हिन्दू ग्रन्थों मॆं लम्बाई, भार, क्षेत्रफ़ल मापन की भी इकाइयाँ परिमाण सहित उल्लेखित हैं।
 
धर्म और समय के बीच घनिष्ट सम्बन्ध है। इसलिये आश्चर्य नहीं कि भारत में अति प्राचीन काल से दोनो का साथ-साथ विकास हुआ। प्राचीन [[हिन्दू]] पौराणिक और गणितीय
पाठ्यों में वर्णित '''समय चक्र''' आश्चर्यजनक रूप से एक समान हैं। प्राचीन भारतीय भार और मापन पद्धतियां, अभी भी प्रयोग में हैं (मुख्यतः हिन्दू और जैन धर्म के धार्मिक उद्देश्यों में)। यह सभी [[सुरत शब्द योग]] में भी हैं। इसके साथ साथ ही हिन्दू ग्रन्थों मॆं
इकाइयाँ- लम्बाई, भार मापन पैमाना भी परिमाण सहित उल्लेखित हैं।
 
हिन्दू ब्रह्माण्डीय समय चक्र [[सूर्य सिद्धांत]] के पहले अध्याय के श्लोक 11–23 में आते हैं.<ref>Ebenezer Burgess. "Translation of the Surya-Siddhanta, a text-book of Hindu Astronomy", ''Journal of the American Oriental Society'' '''6''' (1860): 141–498.</ref>: