"पतंग": अवतरणों में अंतर

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===यूरोप===
[[चित्र:अमेरिका के लिंकन नगर का पतंगोत्सव.jpeg|thumb|right|250px200px|अमेरिका के लिंकन नगर का पतंगोत्सव।]]
[[यूरोप]] में पतंग उड़ाने का चलन नाविक [[मार्को पोलो]] के आने के बाद आरंभ हुआ। मार्को पूर्व की यात्रा के दौरान प्राप्त हुए पतंग के कौशल को यूरोप में लाया। माना जाता है कि उसके बाद यूरोप के लोगों और फिर अमेरिका के निवासियों ने वैज्ञानिक और सैन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पतंग का प्रयोग किया।
 
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===भारत===
[[चित्र:दिल्ली में पतंग कि एक दुकान.jpeg|thumb|right|200px170px|दिल्ली में पतंगों की एक दुकान।]]
पतंग उड़ाने का शौक चीन, कोरिया और थाइलैंड समेत दुनिया के कई अन्य भागों से होकर भारत में पहुंचा। देखते ही देखते यह शौक भारत में एक शगल बनकर यहां की संस्कृति और सभ्यता में रच-बस गया। खाली समय का साथी बनी पतंग को खुले आसमान में उड़ाने का शौक बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के सिर चढ़कर बोलने लगा। भारत में पतंगबाजी इतनी लोकप्रिय हुई कि कई कवियों ने इस साधारण सी हवा में उड़ती वस्तु पर भी कविताएँ लिख डालीं।<ref>[http://www.anubhuti-hindi.org/kavi/r/rajendra_aviral/bitiya.htm राजेंद्र अविरल की रचना - बिटिया पतंग उड़ा रही है (कविता)]</ref><ref>[http://www.sahityashilpi.com/2008/10/blog-post_5473.html पतंग की डोर (कविता) – सुनीता चोटिया ‘शानू’]</ref>
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/पतंग" से प्राप्त