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=== लेखानुदान (वोट ओन अकाउंट) ===
अनु 116 इस प्रावधान का वर्णन करता है इसके अनुसार लोकसभा वोट ओन अकाउंट नामक तात्कालिक उपाय प्रयोग लाती है इस उपाय द्वारा वह भारत सरकार को भावी वित्तीय वर्ष मे भी तब तक व्यय करने की छूट देती है जब तक बजट पारित नही हो जाता है यह सामान्यत बजट का अंग होता है किंतु यदि मंत्रिपरिषद इसे ही पारित करवाना चाहे तो यही अंतरिम बजट बन जाता है जैसा कि 2004 मे एन.डी.ए. सरकार के अंतिम बजट के समय हुआ था फिर बजट नयी यू.पी.ए सरकार ने पेश किया था <br />
'''वोट ओन क्रेडिट''' [प्रत्यानुदान] लोकसभा किसी ऐसे व्यय के लिये धन दे सकती है जिसका वर्णन किसी पैमाने या किसी सेवा मद मे रखा जा सक्ना संभव ना हो मसलन अचानक युद्ध हो जाने पे उस पर व्यय होता है उसे किस शीर्षक के अंतर्गत रखे?यह लोकसभा द्वारा पारित खाली चैक माना जा सकता है आज तक इसे प्रयोग नही किया जा सका है<br />
'''जिलेटीन प्रयोग'''—समयाभाव के चलते लोकसभा सभी मंत्रालयों के व्ययानुदानॉ को एक मुश्त पास कर देती है उस पर कोई चर्चा नही करती है यही जिलेटीन प्रयोग है यह संसद के वित्तीय नियंत्रण की दुर्बलता दिखाता है