"एडोल्फ़ हिटलर": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 27:
 
=== नाज़ीवाद के उदय के कारण '''     '''   '''   ''' ===
प्रथम विश्व युद्ध १९१४1914 से १९१९1919 तक चला . इसमें जर्मनी हार गया .युद्ध के कारण उसकी बहुत क्षति हुई . इन सब के ऊपर ब्रिटेन, फ़्रांस आदि मित्र राष्ट्रों ने उस पर बहुत अधिक दंड लगा दिए . उसकी सेना बहुत छोटी कर दी, उसकी प्रमुख खदानों पर कब्ज़ा कर लिया तथा इतना अधिक अर्थ दंड लगा दिया कि अनेक वर्षों तक अपनी अधिकांश  कमाई देने के बाद भी कर्जा कम नहीं हो रहा था .१९१४ में एक डालर =४.२ मार्क था जो १९२१ में ६० मार्क, नवम्बर १९२२ में ७०० मार्क,जुलाई १९२३ में एक लाख ६० हजार मार्क तथा नवम्बर १९२३ में एक डालर  = २५ ख़राब २० अरब मार्क के बराबर हो गया . अर्थात मार्क लगभग शून्य हो गया जिससे मंदी, मंहगाई और बेरोजगारी का अभूतपूर्व संकट पैदा हो गया . उस समय चुनी हुई सरकार के लोग अपना जीवन तो ठाट- बात से बिता रहे थे परन्तु देश की समस्याएँ कैसे हल करें , उन्हें न तो इसका ज्ञान था और न ही बहुत चिंता थी . ऐसे समय में हिटलर ने अपने ओजस्वी भाषणों से जनता को समस्याएँ हल करने का पूरा विश्वास दिलाया . इसके साथ ही उसके विशेष रूप से प्रशिक्षित कमांडों विरोधियों को मरने तथा आतंक फ़ैलाने के काम भी कर रहे थे जिससे उसकी पार्टी को धीरे- धीरे सत्ता में भागीदारी मिलती गई और एक बार चांसलर ( प्रधान मंत्री ) बनने  के बाद उसने सभी विरोधियों का सफाया कर दिया और संसद की सारी शक्ति अपने हाथों में केन्द्रित कर ली . उसके बाद  वे देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सबकुछ बन गए . उन्हें फ्यूरर कहा जाता था .
 
=== नाज़ीवाद का आधार ===