"गाय": अवतरणों में अंतर
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गाय कि उत्पत्ति |
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[[चित्र:दिव्य कामधेनु गौमाता और उनके गोवंश.jpg|पाठ=जिस "गाय "को हमारे भारत के वेदों ग्रंथतो में और श्रीमद् भगवत पुराण में वरण किया गया है वह कामधेनु गौमाता और उनके गौवंशज हैं ।दिव्य कामधेनु गौमाता (और उनके गौवंशज) को मुख्य 2 विशेषता हैं – 1. सुंदरकूबड़ (HUMP) है । 2.उनकी पीठ पर और गर्दन के नीचे त्वचा का झुकाव है _गलकंबल(DEWLAP)।|अंगूठाकार|'''दिव्य कामधेनु गौमाता और उनके गोवंश'''|417x417पिक्सेल]]
भगवत पुराण के अनुसार, सागर मंथान ('''[[समुद्र मन्थन|समुद्रमंथन]])''' के दौरान दिव्य '''वैदिक गाय (गौमाता)''' के निर्माण की कहानी को प्रकाश में लाता है। पांच दैवीय '''[[कामधेनु]]''' (वैदिक गाय जो हर इच्छा को पूरा करती है), जैसे नंदा, सुभद्रा, सुरभी, सुशीला, बहुला मंथन में से उभरी है और यहाँ से दिव्य '''अमृत पंचगव्य''' की उत्पत्ति होती है।
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