"राजा मान सिंह": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sandeep Raut द्वारा सम्पादित संस्करण 4205419 पर पूर्ववत किया: Vendalism। (ट्विंकल) टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना |
पुराने संस्करण पर लौटाने के साथ कुछ अन्य सुधार किये। |
||
पंक्ति 2:
{{use Indian English|date=March 2016}}
{{Infobox royalty
| title =
| image =
| alt = राजा मान सिंह प्रथम
|caption = आमेर के राजा मान सिंह प्रथम | birth_date = 21 दिसंबर 1550
| birth_place = [[
| death_date = {{death date and age|1614|7|6|1550|12|21|df=y}}
| death_place = [[
| spouse = {{plainlist|
* सुशीलावती बाई (1566–1662)
*
*
}}
| issue = {{plainlist|
* राजा भाऊ सिंह (1580-1621)
* कुंवर जगत सिंह (1586-1620)
* कुंवर दुर्जन सिंह (1575-1597)
* कुंवर हिम्मत सिंह (1590-1597)
* भोगदा सिंह (1596-1610)
* राज कुवरी मैना बाईसा (1591-1682)
* मनोरमा बाई (1614-1689)
}}
| father = [[भगवानदास]]
Line 28 ⟶ 29:
}}
'''राजा मान सिंह''' [[आमेर]] (आम्बेर) के कच्छवाहा [[राजपूत]] राजा थे। उन्हें 'मान सिंह प्रथम' के नाम से भी जाना जाता है। राजा भगवन्त दास इनके पिता थे।
वह [[अकबर]] की सेना के प्रधान [[सेनापति]] थे। उन्होने [[आमेर दुर्ग|आमेर के मुख्य महल]] के निर्माण कराया।
महान इतिहासकार कर्नल [[जेम्स टॉड]] ने लिखा है- " [[भगवान दास]] के उत्तराधिकारी मानसिंह को अकबर के दरबार में श्रेष्ठ स्थान मिला था।..मानसिंह ने उडीसा और आसाम को जीत कर उनको बादशाह अकबर के अधीन बना दिया. राजा मानसिंह से भयभीत हो कर काबुल को भी अकबर की अधीनता स्वीकार करनी पडी थी। अपने इन कार्यों के फलस्वरूप मानसिंह बंगाल, बिहार, दक्षिण और काबुल का शासक नियुक्त हुआ था।"<ref>[http://persian.packhum.org/persian/main?url=pf%3Ffile%3D00702051%26ct%3D237%26rqs%3D302%26rqs%3D309%26rqs%3D310 30. Ra´jah Ma´n Singh, son of Bhagwán Dás - Biography] [[Ain-i-Akbari]], Vol. I.</ref><ref>[http://www.mapsofindia.com/who-is-who/history/raja-man-singh.html Raja Man Singh Biography] India's who's who, www.mapsofindia.com.</ref><ref>1.राजस्थान का इतिहास : कर्नल जेम्स टॉड, साहित्यागार प्रकाशन, जयपुर</ref>
Line 47 ⟶ 52:
== मानसिंह काल में आमेर की उन्नति ==
[[चित्र:AMER Palace.jpg|thumb|[[आमेर दुर्ग|आमेर का महल]]]]
''राजा भगवानदास'' की मृत्यु हो जाने पर (उनका दत्तक पुत्र) राजा मानसिंह जयपुर के सिंहासन पर बैठा. कर्नल [[जेम्स टॉड]] ने लिखा है- "''मानसिंह के शासनकाल में आमेर राज्य ने बड़ी उन्नति
कर्नल [[जेम्स टॉड]] की इस बात से दूसरे कुछ इतिहासकार सहमत नहीं. उनका कथन है ''मानसिंह भगवान दास का गोद लिया पुत्र नहीं था, बल्कि वह तो भगवंत दास का लड़का था। भगवानदास और भगवंत दास दोनों भाई थे।''<ref>6.'''राजस्थान का इतिहास''' : कर्नल [[जेम्स टॉड]], साहित्यागार प्रकाशन, जयपुर</ref>
Line 53 ⟶ 59:
== निधन ==
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
|