"न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर
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पृथ्वी के निकट स्थित प्रत्येक पिंड पृथ्वी द्वारा पृथ्वी के केंद्र की ओर आकर्षित होता है। इस आकर्षण बल को पिंड का भार कहते हैं। यदि किसी पिंड को पृथ्वी के ऊपर ले जाकर छोड़ा जाय और उस पर किसी प्रकार का अन्य बल कार्य न करे तो वह सीधा पृथ्वी की ओर गिरता है और उसका वेग एक नियत क्रम से बढ़ता जाता है। इस प्रकार पृथ्वी के आकर्षण बल के कारण किसी पिंड में उत्पन्न होने वाली वेगवृद्धि या त्वरण को '''गुरूत्वजनित त्वरण''' कहते हैं। इसे अंग्रेजी अक्षर '''g''' द्वारा व्यक्त किया जाता है। ऊपर कहा जा चुका है कि इसे किसी स्थान पर गुरूत्व की तीव्रता भी कहते हैं।
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