"राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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====दादरा, नगर हवेली, और गोवा का वि-उपनिवेशीकरण====
[[दादरा और नगर हवेली|दादरा, नगर हवेली]] और [[गोवा]] के भारत विलय में संघ की निर्णायक भूमिका रही। 21 जुलाई 1954 को दादरा को [[पुर्तगाल|पुर्तगालियों]] से मुक्त कराया गया, 28 जुलाई को नरोली और फिपारिया मुक्त कराए गए और फिर राजधानी [[सिलवासा]] मुक्त कराई गई। संघ के स्वयंसेवकों ने 2 अगस्त 1954 की सुबह पुतर्गाल का झंडा उतारकर भारत का तिरंगा फहराया, पूरा दादरा नगर हवेली पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त करा कर भारत सरकार को सौंप दिया।
इसी प्रकार संघ के स्वयंसेवक 1955 से [[गोवा मुक्ति संग्राम]] में प्रभावी रूप से शामिल हो चुके थे। गोवा में सशस्त्र हस्तक्षेप करने से [[जवाहरलाल नेहरू]] के इनकार करने पर जगन्नाथ राव जोशी के नेतृत्व में संघ के कार्यकर्ताओं ने गोवा पहुंच कर आंदोलन शुरू किया, जिसका परिणाम जगन्नाथ राव जोशी सहित संघ के कार्यकर्ताओं को दस वर्ष की सजा हुई। हालत बिगड़ने पर अंततः भारत को सैनिक हस्तक्षेप करना पड़ा और 1961 में गोवा स्वतन्त्र हुआ।<ref>[https://www.bbc.com/hindi/india-44393179 भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 10 योगदान]</ref><ref>[https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/?p=21565 आर एस एस की अंतर्शक्ति से हुआ था पुर्तगाल का प्रतिरोध और गोवा का विलय]</ref>
====आपातकाल के विरुद्ध आन्दोलन====
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