"पवन": अवतरणों में अंतर
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दक्षिणी अक्षांश के उपोष्ण उच्च वायुदाब कटिबंध से भूमध्यरेखीय निम्न वायुदाब कटिबंध की ओर दोनों गोलाद्धों में वर्षभर प्रवाहित होने वाली पवन को व्यापारिक पवन कहते हैं। ये पवने वर्ष भर एक ही दिशा में लगातार बहती रहती हैं। इस प्रकार की पवने फेरल के नियम के अनुसार उत्तरी गोलाद्ध में अपनी दाएं और और दक्षिणी गोलाद्धों में अपनी बाई और प्रवाहित होती हैं।व्यापारिक पवनों को '''पुरवाई पवन''' 'भी कहा जाता है। प्राचीन काल में इन पवनो से व्यापारियों को बहुत लाभ मिलता था। उनके पालयुक्त पानी के जहाज को चलाने में काफी मदद मिलती थी। इस वजह से इस प्रकार की पवनों को व्यापारिक पवन कहा जाता है।
=====पछुआ पवन=====
इस प्रकार की पवने पश्चिम दिशा से चलती हैं। यह व्यापारिक पवनों के विपरीत दिशा में पश्चिम से पूरब की दिशा में चलती हैं। उत्तरी गोलार्द्ध में इसकी दिशा दक्षिण पश्चिम से उत्तर पूर्व की ओर और दक्षिणी गोलार्द्ध में उत्तर पश्चिम से दक्षिण पूर्व की ओर होती है। यह दोनों गोलाद्धों में उपोष्ण उच्च वायुदाब (30 डिग्री से 35 डिग्री) कटिबंधों से उपध्रुवीय निम्न वायुदाब (60 डिग्री से 65 डिग्री) कटिबंधों की ओर चलने वाली स्थाई पवन है। पछुवा पवनों का सबसे अच्छा विकास 40 डिग्री से 65 डिग्री दक्षिणी अक्षांश के मध्य पाया जाता है क्योंकि यहां पर जल अधिक मात्रा में पाया जाता है।
== पवन के कारण और इनकी विभिन्नता ==
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