"वसंत पुरुषोत्तम काले": अवतरणों में अंतर

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{{ज्ञानसन्दूक व्यक्ति|name=Vasant Purushottam Kale|image=Vasant Purushottam Kale.jpg|birth_date={{birth date |df=yes|1932|03|025}}|birth_place=[[Maharashtra]]|death_date={{death date |df=yes|2001|06|26}}|nationality=[[India]]n|occupation=Writer, Architect|religion=Hindu}}
'''वसंत पुरुषोत्तम काले ''' (मराठी: वसंत पुरुषोत्तम काळे), इन्हें मराठी साहित्य जगत में लोकप्रिय रूप से ''व पु'' नाम से जाना जाता है , वे एक [[मराठी भाषा|मराठी]] लेखक थे जिनकी प्रमुख रचनाएँ है- लघु कथाएँ, उपन्यास, जीवनी रेखाचित्र।<ref>{{Cite journal|title=People|journal=Data India|pages=588|publisher=[[Press Trust of India]]|issn=0377-6832|ISSN=0377-6832|oclc=1797778|OCLC=1797778}}</ref> इनकी लेखक के रूप में 60 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित है। उनकी प्रसिद्ध पुस्तकों में शामिल है ''साथी'', ''वपुर्झा'', ''ही वाट एकटीची '', और ''ठीकरी''। वे पेशे से एक वास्तुकार थे।
इनके लिखने का तरीका अन्य मराठी लेखकों से अलग था। साथ ही में इनके विषय को समझने का अंदाज भी अलग था इसलिए मराठी साहित्य में इनके चाहने वालों की संख्या बढ़ी है।
 
उनकी मृत्यु 27 जून 2001 को हृदयाघात से [[मुम्बई|मुंबई]] में अपने घर पर हुई।<ref>{{cite news|title=Marathi litterateur V P Kale passes away|url=http://archive.mid-day.com/news/2001/jun/12527.htm|accessdate=23 March 2015|publisher=Mid-Day|date=2001-06-27}}</ref>