"हिन्दु कुश": अवतरणों में अंतर
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== नाम ==
हिन्दु कुश पर्वतों को [[संस्कृत]] में 'पारियात्र पर्वत' बुलाया जाता था। व्याकरण ग्रंथ बृहस्पति आगम के अनुसार हिंदू शब्द की व्याख्या विस्तृत रूप से दी गई है, इस ग्रंथ के अनुसार हिंदू को हिमालय के 'हि' और इंदु सरोवरम अर्थात हिंद महासागर के 'न्दू' शब्दों को जोड़कर बनाया गया है । विश्व की प्राचीनतम भाषा के प्राचीनतम धर्म ग्रंथ वेदों में अनेक स्थानों पर और अनेक ऋचाओं में हिंदू का वर्णन किया गया है । हिंदू का अर्थ धर्म से न होकर एक भौगोलिक शब्दावली के रूप में प्रयोग किया गया है ।हिमालय से लेकर हिंद महासागर अर्थात इन्दु सरोवरम तक के जो निवासी है उनको हिंदू कहा गया है और प्राचीन धर्म ग्रंथों के संदर्भों के अनुसार यह शब्द इतिहास की सीमाओं से पहले से प्रचलित रहा है ।पश्चिमी हिमालय के हिंदूकुश पर्वत को भगवान श्री राम के पुत्र कुश के नाम के साथ जोड़कर देखा जाता है। इतिहास की सीमाओं से पहले भगवान श्री राम के पुत्र कुश ने अपने नाम के साथ हिंदू शब्द लगाकर सर्व प्रथम ज्ञात रूप मे हिंदू पदवी धारण की थी, क्योंकि उनके मन में भारत की मौलिक संरचना के प्रतीकात्मक हिंदू को सनातन धर्म के समानांतर रखने का भाव रहा होगा । हिंदुकुश पर्वत के दोनों और कभी सनातन धर्म को मानने वाले भारत के राजवंशों का राज रहा और इनमें सर्व प्रमुख नाम भगवान श्री राम के पुत्र कुश का था। जैसे लाहौर को लवहोर कहां जाता है, जो भगवान श्री राम के दूसरे पुत्र लव ने बसाया था, ताक्षकन्द जो वास्तव मे तक्षकन्द है वह लक्ष्मण जी के पुत्र तक्ष ने बसाया था । प्राचीन तक्षशिला नगरी भी लक्ष्मण जी के पुत्र तक्ष ने ही बसाई थी । इस तरह से हिन्दू शब्द की ऐतिहासिक व ऐतिहासिक सीमा से परे भी प्राचीनता सिद्ध होती है ।
== इन्हें भी देखें ==
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