"नरेन्द्र मोदी": अवतरणों में अंतर

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अप्रैल १९९० में जब केन्द्र में मिली जुली सरकारों का दौर शुरू हुआ, मोदी की मेहनत रंग लायी, जब [[गुजरात]] में १९९५ के [[विधान सभा]] चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने बलबूते दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर सरकार बना ली। इसी दौरान दो राष्ट्रीय घटनायें और इस देश में घटीं। पहली घटना थी [[सोमनाथ]] से लेकर [[अयोध्या]] तक की रथयात्रा जिसमें [[लालकृष्ण आडवाणी|आडवाणी]] के प्रमुख सारथी की मूमिका में नरेन्द्र का मुख्य सहयोग रहा। इसी प्रकार [[कन्याकुमारी]] से लेकर सुदूर उत्तर में स्थित [[काश्मीर]] तक की [[मुरली मनोहर जोशी]] की दूसरी रथ यात्रा भी नरेन्द्र मोदी की ही देखरेख में आयोजित हुई। इसके बाद [[शंकरसिंह वाघेला]] ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया, जिसके परिणामस्वरूप [[केशुभाई पटेल]] को गुजरात का [[मुख्यमन्त्री]] बना दिया गया और नरेन्द्र मोदी को [[दिल्ली]] बुला कर [[भाजपा]] में संगठन की दृष्टि से केन्द्रीय मन्त्री का दायित्व सौंपा गया।
 
१९९५ में राष्ट्रीय मन्त्री के नाते उन्हें पाँच प्रमुख राज्यों में पार्टी संगठन का काम दिया गया, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। १९९८ में उन्हें पदोन्नत करके राष्ट्रीय महामन्त्री (संगठन) का उत्तरदायित्व दिया गया। इस पद पर वह अक्टूबर २००१ तक काम करते रहे। भारतीय जनता पार्टी ने अक्टूबर २००१ में केशुभाई पटेल को हटाकर गुजरात के मुख्यमन्त्री पद की कमान नरेन्द्र मोदी को सौंप दी।
 
== [[गुजरात]] के मुख्यमन्त्री के रूप में ==