"गुरबानी": अवतरणों में अंतर

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'''गुरबानी''' शब्द ''गुरुवाणी'' का पंजाबी स्वरूप है। [[सिक्ख]] धर्म में पाँचवे गुरू [[अर्जुन देव]] ने बाबा [[गुरु नानक]], [[बाबा फरीद]],[[रविदास]] तथा [[कबीर]] की वाणी को [[आदि ग्रंथ]] में संकलित किया। इनको '''गुरबानी''' कहा जाता है।
== सन्दर्भ ==
{{संसूची}}
गुरूबानी हमें अच्छा अनुभव कराती है। {{संसूची}}
 
{{सिख धर्म}}