"वैशाली जिला": अवतरणों में अंतर
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== जनजीवन एवं संस्कृति ==
;मानव बसाव: समूचा जिला [[गंगा]] के उत्तरी मैदान का हिस्सा है। कृषियोग्य उर्वर भूमि और मृदु जलवायु के चलते प्राचीन काल से ही यह स्थान सघन आबादी का क्षेत्र रहा है। जिले में जनसंख्या का घनत्व (1335) राष्ट्रीय औसत से काफी ऊपर तथा [[बिहार]] में तीसरा सबसे सघन है। महत्त्वपूर्ण सामरिक अवस्थिति के चलते अतीत में बाहरी लोगों के आकर बसने से यहाँ मिली-जुली स्थानीय संस्कृति पनपी है। प्रायः सभी गाँवों में [[हिन्दू]] और [[मुसलमान]] बसते हैं। दोनों समुदाय यहाँ के गौरवशाली अतीत और आपसी सहिष्णुता पर नाज़ करते हैं। बिहार की राजधानी [[पटना]] से जुड़ाव और भूगोलीय निकटता ने यहाँ की घटनाओं और अवसरों के महत्त्व को कई गुणा बढ़ा दिया है।
;बोलचाल एवं पहनावा: [[हिन्दी
;शादी विवाह: वैशाली की स्थानीय संस्कृति तिरहुत के अन्य जिलों ([[मुजफ्फरपुर]], [[सीतामढी]], [[शिवहर]], [[पूर्वी चम्पारण]], [[पश्चिमी चम्पारण]]) के समान है लेकिन पर्व-त्योहारों या विवाह के समय गाये जाने वाले गीत [[मिथिला]] से प्रभावित है। स्थानीय लोगों में जातिभेद अधिक है इसलिए शादी-विवाह अपने समूह में पारिवारिक कुटुम्ब या रिश्तेदार द्वारा तय किये जाते हैं। सभी समुदायों में शादी के समय दहेज लेना-देना आम है और कई बार इसे लेकर बहुओं को प्रताड़ना देने की खबर भी दैनिक अख़बार की सुर्खियाँ बनती है।
;पर्व-त्योहार: कई राष्ट्रीय त्योहार जैसे [[गणतंत्र दिवस]], [[स्वतंत्रता दिवस]] और [[गाँधी जयंती]] यहाँ खूब हर्षोल्लास से मनाये जाते हैं। यहाँ के धार्मिक त्योहारों में [[छठ
== शिक्षा एवं शैक्षणिक संस्थान ==
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