"सियारामशरण गुप्त": अवतरणों में अंतर

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{{एक स्रोत}}
'''सियारामशरण गुप्त''' ([[४ सितम्बर]] [[१८९५]] - [[२९ मार्च]] [[१९६३]]) (भाद्र पूर्णिमा सम्वत् १९५२ विक्रमी) [[हिन्दी]] के साहित्यकार थे। वह प्रसिद्ध हिन्दी कवि [[मैथिलीशरण गुप्त]] के अनुज थे।णतयययरयमददयददम स्वर्णजड़ित थी जड़तेथे।
 
== जीवनी ==
सियारामशरण गुप्त का जन्म सेठ रामचरण कनकने के परिवार में [[चिरगाँव]], [[झांसी जिला |झांसी]] में हुआ था। प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने घर में ही [[गुजराती]], [[अंग्रेजी]] और [[उर्दू]] भाषा सीखी। सन् 1929 ई. में राष्ट्रपिता [[महात्मा गांधी]] और [[कस्तूरबा गाँधी]] के सम्पर्क में आये। कुछ समय [[वर्धा जिला|वर्धा]] आश्रम में भी रहे। सन् 1940 में चिरगांव में [[नेताजी सुभाषचन्द्र बोस]] का स्वागत किया। वे सन्त [[विनोबा भावे]] के सम्पर्क में भी आये। उनकी पत्नी तथा पुत्रों का निधन असमय ही हो गया था अतः वे दु:ख वेदना और करुणा के कवि बन गये। 1914 में उन्होंने अपनी पहली रचना ''[[मौर्य विजय]]'' लिखी।<ref>{{cite web |url= http://tdil.mit.gov.in/CoilNet/IGNCA/bund0016.htm#siyaramsharan| title= सियारामशरण गुप्त |accessdate=6 जून 2007|format= एचटीएम|publisher=भारत सरकार }}</ref>
 
== साहित्य सेवा ==