"शेर शाह सूरी": अवतरणों में अंतर

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1537 में [[बंगाल]] पर एक अचानक हमले में शेरशाह ने उसके बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर लिया हालांकि वो [[हुमायूँ]] के बलों के साथ सीधे टकराव से बचता रहा।
 
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= '''शेर शाह सूरी के शासनकाल में विकास और महत्पूर्ण काम – Sher Shah Suri Work''' =
''<sub>शेर शाह सूरी जनता की भलाई के बारे में सोचने वाला एक लोकप्रिय और न्यायप्रिय शासक था, जिसने अपने शासनकाल में जनता के हित में कई भलाई के काम किए जो कि इस प्रकार है –</sub>''
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==== '''शेरशाह सूरी ने की पहले की रुपए की शुरुआत – Sher Shah Suri Coins''' ====
भारत में सूरी वंश की नींव रखने वाला शेरशाह ही एक ऐसा शासक था, जिसने अपने शासनकाल में सबसे पहले रुपए की शुरुआत की थी। वहीं आज रुपया भारत समेत कई देशों की करंसी के रुप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
 
==== '''भारतीय पोस्टल विभाग – Reorganised Indian Postal System''' ====
मध्यकालीन भारत के सबसे सफल शासकों में से [https://www.gyankidhaara.in/sher-shah-suri-history-in-hindi/ एक शेरशाह सूरी] ने अपने शासनकाल में भारत में पोस्टल विभाग को विकसित किया था। उसने उत्तर भारत में चल रही डाक व्यवस्था को दोबारा संगठित किया था, ताकि लोग अपने संदेशों को अपने करीबियों और परिचितों को भेज सकें।
 
==== '''शेरशाह सूरी ने विशाल ‘ग्रैंड ट्रंक रोड’ का निर्माण – The Grand Trunk Road, built by Sher Shah Suri''' ====
शेरशाह सूरी एक दूरदर्शी एवं कुशल प्रशासक था, जो कि विकास कामों का करना अपना कर्तव्य समझता था। यही वजह है कि सूरी ने अपने शासनकाल में एक बेहद विशाल ग्रैंड ट्रंक रोड का निर्माण करवाकर यातायात की सुगम व्यवस्था की थी। आपको बता दें कि सूरी जी दक्षिण भारत को उत्तर के राज्यों से जोड़ना चाहते थे, इसलिए उन्हें इस विशाल रोड का निर्माण करवाया था।
 
सूरी द्दारा बनाई गई यह विशाल रोड बांग्लादेश से होती हुई दिल्ली और वहां से काबुल तक होकर जाती थी। वहीं इस रोड का सफ़र आरामदायक बनाने के लिए शेरशाह सूरी ने कई जगहों पर कुंए, मस्जिद और विश्रामगृहों का निर्माण भी करवाया था।
 
इसके अलावा शेर शाह सूरी ने यातायात को सुगम बनाने के लिए कई और नए रोड जैसे कि आगरा से जोधपुर, लाहौर से मुल्तान और आगरा से बुरहानपुर तक समेत नई सड़कों का निर्माण करवाया था।
 
==== '''भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कसी नकेल :-''' ====
शेर शाह सूरी ( Sher Shah Suri )एक न्यायप्रिय और ईमानदार शासक था, जिसने अपने शासनकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और भ्रष्ट्चारियों के खिलाफ कड़ी नीतियां बनाईं।
 
शेरशाह ने अपने शासनकाल के दौरान मस्जिद के मौलवियों एवं इमामों के द्धारा इस्लाम धर्म के नाम पर किए जा रहे भ्रष्टाचार पर न सिर्फ लगाम लगाई बल्कि उसने मस्जिद के रखरखाव के लिए मौलवियों को पैसा देना बंद कर दिया एवं मस्जिदों की देखरेख के लिए मुंशियों की नियुक्ति कर दी।
 
=== '''सूरी ने अपने विशाल सम्राज्य को 47 अलग-अलग हिस्सों में बांटा :-''' ===
इतिहासकारों के मुताबिक सूरी वंश के संस्थापक [https://www.gyankidhaara.in/sher-shah-suri-history-in-hindi/ शेरशाह सूरी] ने अपने सम्राज्य का विकास करने और सभी व्यवस्था सुचारू रुप से करने के लिए अपने सम्राज्य को 47 अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया था। जिसे शेरशाह सूरी ने सरकार नाम दिया था।
 
वहीं यह 47 सरकार छोटे-छोटे जिलों में तब्दील कर दी गई, जिसे परगना कहा गया। हर सरकार, के दो अलग-अलग प्रतिनिधि एक सेना अध्यक्ष और दूसरा कानून का रक्षक होता था, जो सरकार से जुड़े सभी विकास कामों के लिए जिम्मेदार होते थे।
 
== द्वितीय अफ़ग़ान साम्राज्य ==
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* [http://tanmoy.tripod.com/bengal/sher.html शेर शाह सूरी एवं आरंभिक मुगल दौर।]
* [http://www.afghan-network.net/Culture/shershah.html Sher Shah brief biography as ruler]
*'''[https://www.gyankidhaara.in/sher-shah-suri-history-in-hindi/ शेर शाह सूरी के शासनकाल में विकास और महत्पूर्ण काम – Sher Shah Suri Work]'''
 
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