"गाय": अवतरणों में अंतर
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कामधेनु या सुरभी (संस्कृत: कामधुक:) ब्रह्मा द्वारा ली गई , दिव्य '''वैदिक गाय (गौमाता)''' ऋषि को दी गई ताकि उसके '''दिव्य अमृत [[पंचगव्य]]''' का उपयोग यज्ञ, आध्यात्मिक अनुष्ठानों और संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए किया जा सके।
== गौमाता कि पहचान | ==
भारत में गाय - भारतीय गोवंश को माता का दर्जा दिया गया है इसलिए उन्हें "गौमाता" कहते है | हमारे शास्त्रों में गाय को पूजनीय बताया गया है इसीलिए हमारी माताएं बहनें रोटी बनाती है तो सबसे पहली रोटी गाय के की होती है गाय का दूध अमृत तुल्य होता है |
जिस "गाय "को हमारे भारत के वेदों ग्रंथतो में और [[भागवत पुराण|श्रीमद् भगवत पुराण]] में वरण किया गया है वह [[कामधेनु]] गौमाता और उनके गौवंशज हैं । [[चित्र:सुंदरकूबड़ (HUMP).jpg|अंगूठाकार|सुंदरकूबड़ (HUMP)|208x208px|alt=दिव्य कामधेनु गौमाता (और उनके गौवंशज) को मुख्य 2 विशेषता हैं , सबसे पहली - सुंदरकूबड़ (HUMP) है । ]]'''दिव्य कामधेनु गौमाता (और उनके गौवंशज) को मुख्य 2 विशेषता हैं –'''
▲1. '''सुंदरकूबड़ (HUMP) है ।'''
2.'''उनकी पीठ पर और गर्दन के नीचे त्वचा का झुकाव है _गलकंबल(DEWLAP)।'''[[चित्र:गलकंबल(DEWLAP).jpg|अंगूठाकार|गलकंबल(DEWLAP)|229x229px|पाठ=]]
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