"धर्म": अवतरणों में अंतर

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: ''तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत् ॥
: मरा हुआ धर्म मारने वाले का नाश, और रक्षित धर्म रक्षक की रक्षा करता है। इसलिए धर्म का हनन कभी न करना, इस डर से कि मारा हुआ धर्म कभी हमको न मार डाले।
: दूसरे शब्दों में, जो पुरूष धर्म का नाश करता है, उसी का नाश धर्म कर देता है। और जो धर्म की रक्षा करता है, उसकी धर्म भी रक्षा करता है। इसलिए मारा हुआ धर्म कभी हमको न मार डाले, इस भय से धर्म का हनन अर्थात् त्याग कभी न करना चाहिए। चाहिए
 
== जैन समुदाय ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/धर्म" से प्राप्त