"रॉलेट एक्ट": अवतरणों में अंतर
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'' रॉलेट ऐक्ट ''(काला कानून प्रस्ताव) मार्च 1919 ('''The Anarchical and Revolutionary Crime Act, 1919''') में भारत की ब्रिटानी सरकार द्वारा भारत में उभर रहे राष्ट्रीय आंदोलन को कुचलने के उद्देश्य से निर्मित कानून था। यह कानून सर सिडनी रौलेट की अध्यक्षता वाली सेडिशन समिति की शिफारिशों के आधार पर बनाया गया था। इसके अनुसार ब्रितानी सरकार को यह अधिकार प्राप्त हो गया था कि वह किसी भी भारतीय पर
13 अप्रैल को [[सैफुद्दीन किचलू]] और [[सत्यपाल]] की गिरफ्तारी के विरोध में [[जलियाँवाला बाग]] में लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई। अमृतसर में तैनात फौजी कमांडर जनरल डायर ने उस भीड़ पर अंधाधुंध गोलियाँ चलवाईं। हजारों लोग मारे गए। भीड़ में महिलाएँ और बच्चे भी थे। यह घटना ब्रिटिश हुकूमत के काले अध्यायों में से एक है जिसे [[जालियाँवाला बाग हत्याकांड]] के नाम से जाना जाता है।
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