"गैंग्स ऑफ वासेपुर – भाग 1": अवतरणों में अंतर
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== कथानक ==
कहानी से ज्यादा कहानी की प्रस्तुति से संकेत और प्रभाव अभिव्यक्त करने वाली इस फिल्म के आरंभ में भारी हथियारों से लैस लोगों का एक गिरोह [[वासेपुर]] के एक घर पर धावा बोलता है। वे घर को घेर लेते हैं और उसके अंदर के परिवार को मारने के इरादे से उस पर गोलियों और ग्रेनेड की बौछार करते हैं। घर पर भारी गोलीबारी के बाद वे एक वाहन में अपराध स्थल से पीछे हट जाते हैं और यह आश्वस्त किया कि उन्होंने सभी को मार दिया है। गिरोह का मुखिया तब जेपी सिंह को अपने सेल फोन पर कॉल करता है और रिपोर्ट करता है कि फैजल खान को परिवार सहित सफलतापूर्वक मार दिया गया है। लेकिन जेपी सिंह फोन काट देता है और एक पुलिस चेक पोस्ट उनके भागने के मार्ग को अवरुद्ध करता है। इसके बाद कथाकार नासिर द्वारा एक प्रस्तावना के लिए दृश्य अचानक से कट जाता है। फिर सीक्वल में पूरा दृश्य सामने आता है।
=== वासेपुर और धनबाद का परिचय ===
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