"स्टुअर्ट राजघराना": अवतरणों में अंतर

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एलिजाबेथ की 1603 में मृत्यु के बाद इंग्लैंड पर जिस वंश की स्थापना हुई उससे स्टुअर्ट वंश कहते हैं स्टुअर्ट वंश का पहला शासक जेम्स था जिसका पुत्र चार्ल्स प्रथम था जेम्स प्रथम ने कहा था कि राजा पति है और सारा द्वीप उसकी विधि सम्मत पत्नी है जेम्स प्रथम के पुत्र चार्ल्स प्रथम की पत्नी का नाम है हेनरिटा मारिया ।वह चार्ल्स की एक प्रमुख सलाहकार थी जिसके चरित्र ने पयूरिटिन क्रांति में विस्फोट की भूमिका निभाई थी तथा जेम्स प्रथम के पुत्र चार्ल्स प्रथम को 30 जनवरी 1649 को राजद्रोह के आरोप में फांसी की सजा दी गई थी जबकि उसे युद्ध में पराजित करने का श्रेय क्रॉमवेल को दिया जाता है और ऐसा माना जाता है कि चार्ल्स प्रथम ने अवैध तरीके से धन इकट्ठा किया था उसने संसद की स्वीकृति के बगैर अनेक कर लगाएं तथा अनेक व्यापारिक कंपनियों को कुछ चीजों के व्यापार का एकाधिकार देकर उनसे धन वसूल किया और साथ ही साथ जिन लोगों ने राजा के आदेश को नहीं माना उन पर भी भारी जुर्माना लगाया इस प्रकार चार्ल्स प्रथम ने धन कमाने के अवैध तरीके अपनाएं ।इंग्लैंड में चार्ल्स प्रथम और संसद के बीच जो युद्ध हुआ था उस युद्ध में संसद की विजय हुई थी ।चार्ल्स प्रथम तथा संसद के बीच झगड़े का प्रमुख कारण जेम्स प्रथम की देवी अधिकारों के सिद्धांत, चार्ल्स प्रथम की निरंकुश तथा अत्याचार पूर्ण नीति थे। स्टुअर्ट वंश के राजाओं का कैथोलिक धर्म के प्रति झुकाव था जबकि संसद कैथोलिक धर्म की विरोधी थी ।यह भी राजा और संसद के बीच झगड़े का एक कारण था इसके पूर्व में भी जेम्स प्रथम तथा संसद के बीच संघर्ष हुआ था तब जेम्स प्रथम के समय 4 बार संसद बुलाया गया था सर्वप्रथम 1604 ईस्वी में फिर 1614 ईसवी में फिर 1621 ईसवी में और फिर 1624 ईस्वी में। इस विवाद के प्रमुख दो कारण थे पहला यह कि क्या राजा को शासन करने के अधिकार ईश्वर से मिले हैं या संसद से, दूसरा कारण क्या राजा अपनी इच्छा अनुसार शासन कर सकता है या देश के कानून का उल्लंघन कर सकता है राजा के विरोधियों ने कहा कि राजा को शासन का अधिकार संसद से प्राप्त होता है ना कि ईश्वर से दूसरा उन्होंने कहा कि राजा की शक्ति कानून द्वारा सीमित होनी चाहिए ना कि राजा को मनमानी करने का अधिकार होना चाहिए इन सैद्धांतिक प्रश्नों के अतिरिक्त कुछ व्यावहारिक तथा कुछ तात्कालिक समस्याएं भी थी जिन्हें लेकर जेम्स प्रथम और संसद के बीच झगड़ा चलता रहा।