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[[चित्र:Dubai-Gold-Souq-4.JPG|दाएँ|अंगूठाकार]]
'''सोना''' या '''स्वर्ण''' (Gold) अत्यंत चमकदार मूल्यवान [[धातु]] है। यह [[आवर्त सारणी]] के प्रथम अंतर्ववर्ती समूह (transition group) में [[ताम्र]] तथा [[रजत]] के साथ स्थित है। इसका केवल एक स्थिर [[समस्थानिक]] (isotope, द्रव्यमान 197) प्राप्त है। कृत्रिम साधनों द्वारा प्राप्त रेडियोधर्मी समस्थानिकों का द्रव्यमान क्रमश: 192, 193, 194, 195, 196, 198 तथा 199 है। [https://oneeindia.tech/black-gold-indian-scientists-develop-black-gold/ भारत के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फ़ण्डामेंटल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने ब्लैक गोल्ड('''Black Gold''') नामक पदार्थ का निर्माण किया है |]
 
== परिचय ==
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[[सायनाइट विधि]] द्वारा ऐसे अयस्कों से स्वर्ण निकाला जा सकता है जिनमें स्वर्ण की मात्रा न्यूनतम हो। अन्य विधि के अनुसार अयस्क में उपस्थित स्वर्ण को क्लोरीन द्वारा गोल्ड क्लोराइड (Au Cl<sub>3</sub>) में परिणत कर जल में विलयित कर लिया जाता है। विलयन में हाइड्रोजन सल्फाइड (H<sub>2</sub> S) प्रवाहित करने पर गोल्ड सल्फाइड बन जाता है जिसके दहन से स्वर्ण धातु मिल जाती है।
 
ऊपर बताई क्रियाओं से प्राप्त स्वर्ण में अपद्रव्य उपस्थित रहते हैं। इसके शोधन की आधुनिक विधि विद्युत्‌ अपघटन पर आधारित है। इस विधि में गोल्ड क्लोराइड को तनु (dilute) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में विलयित कर लेते हैं। विलयन में अशुद्ध स्वर्ण के धनाग्र और शुद्ध स्वर्ण के ऋणाग्र के बीच विद्युत्‌ प्रवाह करने पर अशुद्ध स्वर्ण विलयित हो ऋणाग्र पर जम जाता है।
 
[https://oneeindia.tech/black-gold-indian-scientists-develop-black-gold/ भारत के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फ़ण्डामेंटल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने ब्लैक गोल्ड('''Black Gold''') नामक पदार्थ का निर्माण किया है |]
 
== गुणधर्म ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/सोना" से प्राप्त