"ईसा इब्न मरियम": अवतरणों में अंतर

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[[क़ुरान]] में ईसा का नाम 25 बार आया है। [[सुराह मरियम]] में इनके जन्म की कथा है और इसी तरह सुराह अलि इमरान में भी। क़ुरान में ईसा का नाम, हज़रत मुहम्मद से भी अधिक है।
 
== इस्लाम के अनुसार, ईसा कीका मृत्यु एवं धर्तीधरती से प्रस्थान ==
[[इस्लाम]] में ईसा का क्रूस पर चढ़ना, मृत्यु और उनका पुनरागमन बहुत महत्व रखता है अधिकांशकुछ मुस्लमान,मुसलमान(जैसे उनकीक़ादयानी) मृत्यु औरउनके पुनरागमन को नहीं मानते। मुसलमानों की बड़ी संख्या का मानना है कि [[कुरान]] की इन आयतों में, जिनमें मसीह की मृत्यु का उल्लेख है, वह केवल बामुहावरा है। अधिनांशअधिकांश उलेमा का कहना है कि मसीह के क्रूस पर नहीं चढ़ाया गया था, बल्कि उन्हें जन्नत में उठा लिया गया। जबकि कुछ अन्य उलेमा का मानना है कि उनको मृत्यु के बाद, ईश्वर द्वारा पुनः जीवित किया गया और फिर [[जन्नत]] ले जाया गया। लेकिन इस पर सभी मुसलमान उलेमा की सहमति है कि मसीह [[क़यामत]] समय, पुनः धरती पर आएंगे और ईश्वर की इच्छा के अनुसार धरती पर [[इस्लाम]] लागुलागू करेंगे।
 
==इन्हें भी देखें==