"भूमिहार": अवतरणों में अंतर

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भूमिहार राय
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'''भूमिहार ''' या '''बाभन''' एक भारतीय जाति है, जो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा थोड़ी संख्या में अन्य प्रदेशों में निवास करती है। भूमिहार का अर्थ होता है "भूमिपति" , "भूमिवाला" या भूमि से आहार अर्जित करने वाला (कृषक) ।<ref>{{cite book|first1=प्रसन्न|last1=कुमार चौधरी|title=बिहार में सामाजिक परिवर्तन के आयाम|date=2001|publisher=वाणी प्रकाशन|isbn=9788170557555|page=281|url=https://books.google.co.in/books?id=fDUjw2kFwvIC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false|accessdate=6 जनवरी 2018}}</ref> भूमिहार अपने आप को भगवान परशुराम का शिष्य मानते हैं,{{cn}} भूमिहार उत्तरप्रदेश के गाजीपुर व आजमगढ़़ जिले में सबसे ज्यादा हैं |{{cn}} बिहार में इनकी सबसे बड़ी आबादी है।
 
[https://twitter.com/sj_boss756 राय], पाण्डेय, तिवारी, त्रिपाठी, मिश्र, शुक्ल, उपाध्यय, शर्मा, पाठक दूबे, द्विवेदी आदि भूमिहार समाज की उपाधियाँ है। इसके अलावा राजपाठ और जमींदारी के कारण एक बड़ा भाग का [[राय]], चौधरी, महथा, साही, सिन्हा, [[सिंह]] और [[ठाकुर]] उपनाम भी हैं। यह ब्राह्मण होने का दावा करते हैं। हालांकि ब्राह्मणों का एक बड़ा समुदाय भूमिहारों को अयाचक ब्राह्मण मानता है क्योंकि ये पूजा-पाठ का परम्परागत पेशा छोड़कर खेती करते हैं।