"जीवद्रव्य": अवतरणों में अंतर
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[[Image:biological cell.svg|thumb|right| [[डुजार्डिन]] (1835) ने इसका सारकोड(Sarcode) नाम से अध्ययन किया। पुर्किन्जे (1840) ने पहले [[प्रोटोप्लाज्मा]] (Protoplasm) शब्द का प्रतिपादन किया। मैक्स शुल्ज ने 1861 में जीव द्रव्य सिद्धांत प्रतिपादित किया इसके अनुसार कोशिका सजीव पदार्थों का संचय है जो एक बाह्य कला से घिरी होती है तथा इसमें एक केंद्र उपस्थित होता है जीव द्रव्य की उपस्थिति सजीवों का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण है सभी जीवन प्रक्रिया इसी में संपन्न होती है । हक्सले(
एक आदर्श जन्तु कोशिका के कोशिका द्रव में विभिन्न कोशिकांगो का चित्र:<br />
(1) [[केन्द्रक]]<br />
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(4) vesicle<br />
(5) [[रूखड़ाएंडोप्लाज्मिक रेटुकुलम]]<br />
(6) [[गॉल्जीकाय
(7) [[Cytoskeleton]]<br />
(8) smooth ER<br />
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(12) [[लाइसोसोम]]<br />
(13) तारककाय]]
[[कोशिका]] के [[कोशिका झिल्ली]] के अंदर सम्पूर्ण पदार्थों को '''जीव द्रव्य''' कहते हैं। यह सभी कोशिकाओं में पाया जाता है। यह रवेदार, जेलीनुमा, अर्धतरल पदार्थ है। यह पारदर्शी एवं चिपचिपा होता है। इसकी रचना [[जल]] एवं कार्बनिक तथा अकार्बनिक ठोस पदार्थों से हुई है। इसमें अनेक रचनाएँ होती हैं। [[प्रकाश सूक्ष्मदर्शी]] में सभी कोशिकांगों को स्पष्ट नहीं देखा जा सकता है। इन रचनाओं को स्पष्ट देखने के लिए [[इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी]]
== इन्हें भी देखें ==
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