"पतञ्जलि": अवतरणों में अंतर

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== जीवन ==
पतंजलि शुंग वंश के शासनकाल में थे | डॉ. भंडारकर ने पतंजलि का समय 158 ई. पू. द बोथलिक ने पतंजलि का समय 200 ईसा पूर्व एवं कीथ ने उनका समय 140 से 150 ईसा पूर्व माना है | उन्होंने पुष्यमित्र शुंग का अश्वमेघ यज्ञ भी संपन्न कराया था । इनका जन्म अयोध्या गोनार्धके समीप गोनर्द में हुआ था |  साहित्यिक, पुरातात्विकजिसे ,भौगोलिकआज एवं अन्य साक्ष्योंगोण्डा के आधार पर यह स्थान भोपाल के पास का गांव गोदरमऊ हैनाम |से जानते हैं।
 
बाद में वे काशी में बस गए | ये व्याकरणाचार्य [[पाणिनी]] के शिष्य थे। काशीवासी आज भी श्रावण कृष्ण ५, [[नागपंचमी]] को ''छोटे गुरु का, बड़े गुरु का नाग लो भाई नाग लो'' कहकर नाग के चित्र बाँटते हैं क्योंकि पतंजलि को [[शेषनाग]] का [[अवतार]] माना जाता है।