"व्यपगत का सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर
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व्यपगत का सिद्धांत खास हिन्दू राज्यों के लिए नहीं बना था और न ही इसका इस्तेमाल सिर्फ हिन्दू राज्यों के खिलाफ हुआ था। मिसाल के तौर पर, इस सिद्धांत का उपयोग कर ईस्ट इंडिया कंपनी ने अवध के नवाब सआदत अली खान द्वितीय से उनकी ज़मीन छीनी थी। |
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'''व्यपगत का सिद्धान्त''' या '''हड़प नीति''' ([[अँग्रेजी]]: The Doctrine of Lapse, 1848-1856) [[भारतीय]] [[इतिहास]] में
यह विस्तारवादी नीति थी। कंपनी के गवर्नर जनरलों ने भारतीय राज्यों को अंगरेजी साम्राज्य में मिलाने के उद्देश्य से कई नियम बनाए। उदाहरण के लिये, किसी राजा के निःसंतान होने पर उसका राज्य ब्रितानी साम्राज्य का हिस्सा बन जाता था। राज्य हड़प नीति के कारण भारतीय नरेशों में बहुत असंतोष पैदा हुआ था। 1857 में हुए ब्रितानी शासन के खिलाफ भारतीय प्रतिरोध को जन्म देने में इस नीति की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
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