"सुषमा स्वराज": अवतरणों में अंतर

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सुषमा स्वराज (विवाह पूर्व शर्मा)<ref>{{cite web|url=http://global.britannica.com/EBchecked/topic/1949332/Sushma-Swaraj|title=Sushma Swaraj|work=Encyclopædia Britannica}}</ref> का जन्म १४ फरवरी १९५२ को [[हरियाणा]] (तब [[पंजाब]]) राज्य की [[अम्बाला छावनी]] में,<ref>{{cite news|url=http://archive.tehelka.com/story_main49.asp?filename=Ne110611Push.asp |title=The push for a Swaraj party |work=Tehelka |accessdate=19 December 2013}}</ref> हरदेव शर्मा तथा लक्ष्मी देवी के घर हुआ था।<ref name="biodata" /> उनके पिता [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] के प्रमुख सदस्य रहे थे। स्वराज का परिवार मूल रूप से [[लाहौर]] के धरमपुरा क्षेत्र का निवासी था, जो अब [[पाकिस्तान]] में है।<ref>{{cite news|title=Indian FM Sushma Swaraj's parents hailed from Lahore – Pakistan – Dunya News|url=http://dunyanews.tv/en/Pakistan/312217-Indian-FM-Sushma-Swarajs-parents-hailed-from-Laho|accessdate=18 December 2015|work=dunyanews.tv|publisher=Dunya News}}</ref> उन्होंने अम्बाला के सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत तथा राजनीति विज्ञान में स्नातक किया।<ref name="india1"/> १९७० में उन्हें अपने कालेज में सर्वश्रेष्ठ छात्रा के सम्मान से सम्मानित किया गया था। वे तीन साल तक लगातार एस॰डी॰ कालेज छावनी की [[एन सी सी]] की सर्वश्रेष्ठ कैडेट और तीन साल तक राज्य की सर्वश्रेष्ठ हिन्दी वक्ता भी चुनी गईं। इसके बाद उन्होंने [[पंजाब विश्वविद्यालय]], [[चण्डीगढ़]] से [[विधि]] की शिक्षा प्राप्त की।<ref>{{citation |title=Cabinet reshuffle: Modi government's got talent but is it being fully utilised? |url=http://m.economictimes.com/news/politics-and-nation/cabinet-reshuffle-modi-governments-got-talent-but-is-it-being-fully-utilised/articleshow/53132757.cms |work=[[The Economic Times]] |date=10 July 2016 }}</ref> पंजाब विश्वविद्यालय से भी उन्हें १९७३ में सर्वोच्च वक्ता का सम्मान मिला था। १९७३ में ही स्वराज [[भारतीय सर्वोच्च न्यायलय]] में [[अधिवक्ता]] के पद पर कार्य करने लगी।<ref name="india1"/> १३ जुलाई १९७५ को उनका विवाह [[स्वराज कौशल]] के साथ हुआ,<ref name="वेब दुनिया">[http://hindi.webdunia.com/news/election2009/charchit/0904/08/1090408001_1.htm प्रखर वक्ता सुषमा स्वराज ]। वेब दुनिया। ८ अप्रैल २००९</ref> जो सर्वोच्च न्यायालय में उनके सहकर्मी और साथी अधिवक्ता थे। कौशल बाद में छह साल तक राज्यसभा में सांसद रहे, और इसके अतिरिक्त वे [[मिजोरम]] प्रदेश के [[राज्यपाल]] भी रह चुके हैं। स्वराज दम्पत्ति की एक पुत्री है, बांसुरी, जो लंदन के इनर टेम्पल में वकालत कर रही हैं।<ref>{{cite web|url=http://daily.bhaskar.com/article/MP-BHO-in-pics-the-life-of-sushma-swaraj-4219444-PHO.html|title=A sneak peek into Sushma Swaraj's life|publisher=[[Dainik Bhaskar]]|date=28 March 2013|accessdate=27 April 2014}}</ref><ref>{{cite web|url=http://articles.economictimes.indiatimes.com/2014-02-25/news/47670679_1_sushma-swaraj-bjp-leader-new-bjp-president|title=Sushma Swaraj re-invents herself in a party dominated by Narendra Modi|work=[[The Economic Times]]|date=25 February 2014|accessdate=27 April 2014}}</ref>६७ साल की आयु में ६ अगस्त, २०१९ की रात ११.२४ बजे सुषमा स्वराज का [[दिल्ली]] में निधन हो गया।
 
==हिन्दी, संस्कृत की पक्षधर==
सुषमा स्वराज की हिन्दी पर बड़ी शानदार पकड़ थी। उनकी हिंदी में [[तत्सम]] शब्द अधिक होते थे। फिर भी उनकी भाषा बनावटी नहीं लगती थी। विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने अपने एक चर्चित भाषण में सितम्बर 2016 में [[सयुंक्त राष्ट्र]] में [[हिन्दी]] में ही भाषण दिया था।उनके इस भाषण की पूरे देश में चर्चा हुई थी। [[विश्व हिन्दी सम्मेलन|विश्व हिन्दी सम्मेलनों]] में वे बढ़चढ़कर भाग लेतीं थीं। हिन्दी को [[संयुक्त राष्ट्र संघ]] की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए भी उन्होने अनेक प्रयत्न किए।<ref>[https://www.prabhasakshi.com/national/hindi-language-and-indian-culture-are-related-to-each-other-says-sushma हिन्दी भाषा और भारतीय संस्कृति एक-दूसरे से जुड़ी हैं: सुषमा स्वराज]</ref>
 
[[संस्कृत]] से भी उनका विशेष प्रेम था। वे सदा [[संस्कृत]] में शपथ लेतीं थीं। उन्होने अनेक अवसरों पर संस्कृत में भाषन दिया। 2012 में ‘साउथ इंडिया एजुकेशन सोसायटी’ ने सुषमा को पुरस्कार दिया जो मुंबई में सम्पन्न हुआ। संस्कृत के अनेक विद्वान आए थे। सम्मान प्राप्ति के पश्चात जब भाषण देने की बारी आई, तो सुषमा ने बोलने के लिए संस्कृत को चुना। सम्मान में जो धनराशि मिली थी, वो संस्था को लौटाते हुए बोलीं कि संस्कृत के ही काम में वो पैसा लगा दें। इसी प्रकार जून 2015 में 16वां विश्व संस्कृत सम्मेलन [[बैंकाक]] में हुआ जिसकी मुख्य अतिथि सुषमा स्वराज थीं। उन्होने पांच दिन के इस सम्मेलन का उद्घाटन भाषण संस्कृत में दिया था।