"जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019": अवतरणों में अंतर

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'''जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम २०१९''' (Jammuभारत andकी Kashmirसंसद Reorganisation Bill, 2019),का एक विधेयकअधिनियम हैहै। जिसेइसे [[भारत]] की ऊच्च संसद ([[राज्य सभा]]) में गृहमन्त्री [[अमित शाह]] ने ०५ अगस्त, २०१९ को प्रस्तुत किया था। यह अधिनियम उसी दिन राज्य सभा द्वारा पारित कर दिया गया तथा अगले दिन [[लोक सभा]] ने इसे पारित कर दिया। <ref>{{Cite web|url=https://www.jagran.com/politics/national-union-home-minister-amit-shah-moves-the-resolution-to-revoke-article-370-in-jammu-and-kashmir-in-lok-sabha-19465114.html|title=Jammu Kashmir News Live: जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक लोकसभा में भी पास|website=Dainik Jagran|accessdate=7 अग॰ 2019}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.prabhatkhabar.com/news/delhi/amit-shah-moves-resolution-to-revoke-article370-in-jammu-and-kashmir-in-lok-sabha/1315372.html|title=#Article370 : जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 लोकसभा में पास|accessdate=7 अग॰ 2019}}</ref> इस अधिनियम में [[जम्मू और कश्मीर]] राज्य को दो संघशासितकेंद्रशासित प्रदेशों में विभाजितपुनर्गठित करने का प्रस्तावप्रावधान है, (१) जम्मू और कश्मीर (२) [[लद्दाख]] । इस अधिनियम के प्रावधान 31३१ अक्टूबर 2019२०१९ से लागू होंगे,<ref>{{cite web|url=https://timesofindia.indiatimes.com/india/abrogation-of-article-370-challenged-in-supreme-court/articleshow/70615864.cms|title=Abrogation of Article 370 challenged in Supreme Court}}</ref> जो भारत के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार [[वल्लभ भाई पटेल]] की जयंती है। भारत के राष्ट्रपति द्वारा 9 अगस्त 2019 को आश्वासन दिया गया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत एक राष्ट्रपति के आदेश से पहले विधेयक की शुरूआत की गई थी,<ref>{{cite web|url=https://scroll.in/article/932917/j-k-special-status-how-the-modi-government-used-article-370-to-kill-article-370|title=J&K special status: How the Modi government used Article 370 to kill Article 370}}</ref> जिसमें कहा गया था कि भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू और कश्मीर पर लागू होंगे। इसने भारतीय संसद को कानून बनाने में सक्षम बनाया जो राज्य के संगठन को पुनर्व्यवस्थित करेगा।
 
5 अगस्त 2019 को भारतीय संसद के ऊपरी सदन, राज्य सभा में भारतीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अधिनियम के लिए एक विधेयक पेश किया गया था। यह विधेयक 5 अगस्त 2019 को राज्य सभा में पारित किया गया और 6 अगस्त को लोकसभा में पारित किया गया। 2019 और भारत के राष्ट्रपति द्वारा 9 अगस्त 2019 को आश्वासन दिया गया।
 
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत एक राष्ट्रपति के आदेश से पहले विधेयक की शुरूआत की गई थी,<ref>{{cite web|url=https://scroll.in/article/932917/j-k-special-status-how-the-modi-government-used-article-370-to-kill-article-370|title=J&K special status: How the Modi government used Article 370 to kill Article 370}}</ref> जिसमें कहा गया था कि भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू और कश्मीर पर लागू होंगे। इसने भारतीय संसद को कानून बनाने में सक्षम बनाया जो राज्य के संगठन को पुनर्व्यवस्थित करेगा।
 
==सन्दर्भ==