"चरक": अवतरणों में अंतर
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{{Infobox scientist
[[चित्र:Charak.jpg|thumb|पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में महर्षि चरक की प्रतिमा]]▼
| name = चरक
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|birth_date = 3rd century BCE
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'''चरक''' एक महर्षि एवं [[आयुर्वेद]] विशारद के रूप में विख्यात हैं। वे [[कुषाण]] राज्य के राजवैद्य थे। इनके द्वारा रचित [[चरक संहिता]] एक प्रसिद्ध [[आयुर्वेद]] ग्रन्थ है। इसमें रोगनाशक एवं रोगनिरोधक दवाओं का उल्लेख है तथा [[सोना]], [[चाँदी]], [[लोहा]], [[पारा]] आदि धातुओं के भस्म एवं उनके उपयोग का वर्णन मिलता है। आचार्य चरक ने आचार्य अग्निवेश के अग्निवेशतन्त्र में कुछ स्थान तथा अध्याय जोड्कर उसे नया रूप दिया जिसे आज [[चरक संहिता]] के नाम से जाना जाता है ।
300-200 ई. पूर्व लगभगआयुर्वेद के आचार्य महर्षि चरक की गणना भारतीय औषधि विज्ञान के मूल प्रवर्तकों में होती है।चरक की शिक्षा तक्षशिला में हुई ।इनका रचा हुआ ग्रंथ 'चरक संहिता' आज भी वैद्यक का अद्वितीय ग्रंथ माना जाता है।
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