इससे पहले यह एक बात जानना जरूरी है कि संमभरिकसंमभारिक क्या है? अर्थात जिसके परमाणु संख्या अलग तथा परमाणु भार अलगसमान हो उसे संमभरिकसंमभारिक कहते हैं। यह समस्थानिक का विपरीत होता है।''समभारिक प्रचक्रण''' (Isospin) कण का एक नैज गुण है। यह [[प्रबल अन्योन्य क्रिया]] से सम्बंधित [[क्वान्टम संख्या]] है। वो कण जिनपर लगने वाला प्रबल बल समान हो लेकिन आवेश का मान भिन्न हो (जैसे: प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन) का समान कण की भिन्न अवस्था के रूप में अध्ययन किया जा सकता है। इसके लिए उन्हें उनकी आवेश अवस्था के संगत भिन्न समभारिक प्रचक्रण अवस्था परिभाषित की जा सकती है।<ref>http://www.thefreedictionary.com/isospin</ref>