"आयुर्वेद": अवतरणों में अंतर

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=== शालाक्यतंत्र (Opthamology including ENT and Dentistry) ===
{{मुख्य|शालाक्य}}
गले के ऊपर के अंगों की चिकित्सा में बहुधा शलाका सदृश यंत्रों एवं शस्त्रों का प्रयोग होने से इसे शालाक्ययंत्र कहते हैं। इसके अंतर्गत प्रधानत:प्रधानतः मुख, नासिका, नेत्र, कर्ण आदि अंगों में उत्पन्न व्याधियों की चिकित्सा आती है।
 
:''शालाक्यं नामऊर्ध्वजन्तुगतानां श्रवण नयन वदन घ्राणादि संश्रितानां व्याधीनामुपशमनार्थम्‌।'' (सु.सू. १.२)।