"मुण्डा": अवतरणों में अंतर

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== संस्कृति ==
[[चित्र:Adiwasi dance.jpg|right|thumb|300px|मुण्डा नृत्य]]
मुण्डा [[संस्कृति]] की सामाजिक व्यवस्था बहुत ही बुनियादी और सरल है | मुण्डाओं के लिए [[भारतीय]] [[जाति]] व्यवस्था विदेशी है | उनके दफनाए गए [[पूर्वज]] ''परिवार के अभिभावक'' के रूप मे याद किए जाते हैं | दफन पत्थर (ससंदीरी) उनका वंशावली का [[प्रतीक]] है | यह [[पत्थर]] सुलाकर [[धरती]] पर रखी जाती है पर [[कब्र]] के रूप में चिन्हित नहीं होता | बल्कि, मृतकों के हड्डियों को इस [[पत्थर]] के तहत रखते हैं, जहाँ पिछले पूर्वजों की हड्डियाँ भी मौजूद हैं | जब तक कब्रिस्तान (''जंग तोपा'') समारोह नहीं होता तब तक मृतकों के हड्डियों को [[मिट्टी]] के बर्त्तन में रखा जाता है | हर [[वर्ष]] में एक बार, [[परिवार]] के सभी सदस्य अपनी श्रध्दांजलिश्रद्धाञ्जलि देने के लिए दफन पत्थरों पर जाते हैं और यह आवश्यक माना है | पूर्वजों को याद करने के लिए अन्य [[पत्थर]] भी हैं जिन्हें ''मेमोरियल पत्थर'' (''भो:दीरी'') कहा जाता है | यह [[पत्थर]] खड़े स्थिति में रखा जाता है | इस [[पत्थर]] को रखने के लिए भी समारोह होता है जिसे '''पत्थर गड़ी''' (''दीरी बीन'') पर्ब कहते हैं |
 
प्राचीन काल से ही मुण्डा लोग [[छोटानागपुर]] क्षेत्र सहित आसपास के क्षेत्रों में भी फैल गए हैं | शुरुआती समय में वे लोग अलग-अलग समूहों में, पर एक ही उपनाम (''किली'',''गोत्र'') में बसे | हालांकि अब वे लोग अपनी-अपनी इच्छा के अनुसार पूरे [[झारखण्ड]] में बसे हैं | पुराने समय से अभि तक मुण्डा लोगों की [[संस्कृति]] के अनुसार वे एक ही [[गोत्र]] या उपनाम मे [[शादी]] नहीं कर सकते हैं | यदि कोई [[शादी]] कर भी लिया तो उन्हें कड़ी-से-कड़ी सजा दी जाती है | उस सजा या [[दण्ड]] को ''जात निकाला'' (''देशाबाहर'') कहते हैं | एक दुल्हन और एक दुल्हे के एक ही [[गोत्र]] में [[शादी]] होना अनाचार माना जाता है और इस तरह यह रिश्ता सामाजिक अवांछनीय है | [[गोत्र]] का अर्थ है-'''खून का रिश्ता''' | एक ही उपनाम या [[गोत्र]] के संबंध, भाई और बहन के संबंध की तरह माना जाता है | [[संथाल]], [[हो]] और [[खड़िया]] रक्त-भाई आदिवासियों की [[समुदाय]] माना जाता है | अत: उनके साथ [[शादी]] करना आम है |<ref>http://en.wikipedia.org/wiki/Munda-people</ref>
 
=== धर्म और जनजातियों की पहचान ===
ज्यादातर मुण्डा लोग सरना [[धर्म]] को मानते हैं | वे एक [[ईश्वर]] पर विश्वास करते हैं जो '''सिंगबोंगा''' कहलाता है | तथापि एक-चौथाई मुण्डा लोगों ने [[ईसाई धर्म]] को अपनाया है | [[ईसाई धर्म]] में कुछ मुण्डा लोगों ने [[रोमन कैथोलिक]] और कुछ ने प्रोटेस्टेंट धर्म अपनाया है | एक मुण्डा का उपनाम प्राकृतिक तत्वों, [[पेड़]], [[पशु]], [[पक्षी]] या किसी भी [[प्रकृति]] संबंधित वस्तु पर आधारित है जो [[छोटानागपुर]] क्षेत्र में पाए जाते हैं | नीचे लिखे गये उपनाम मुण्डा लोगों में आम है:-
: आईंद (दुर्लभ [[नदी]] [[मछली]] के प्रजातियाँ), बागे ([[कुम्हार]], अंजीर वृक्ष की प्रजातियाँ), भेंगरा, भूईंया ([[पृथ्वी]]), बोदरा, बुढ़, चौरिया ([[चूहा]]), डोडराय, गुड़िया, हेम्बरोम, हेरेंज, होनहगा (छोटे भाई), होरो ([[कछुआ]]), जोजो ([[इमली]]), कण्डुलना, कण्डीर ([[शेर]]), डाँग, देम्ता (वृक्ष [[चींटी]] की प्रजाति), कौरिया, केरकेट्टा, कोनगाड़ी (दुर्लभ [[पक्षी]] की प्रजाति), लुगून, लोम्गा, मुण्डू, पूर्ति, सम्मद, संगा, सोय, सुरिन ([[सफेद]] रंग का [[हंस]] की प्रजातियों के [[पक्षी]])| मुण्डा [[समुदाय]] के कुछ और भी उपनाम हैं जो यहाँ वर्णित नहीं किया गया है | बहुत लोग अपना [[गोत्र]] या उपनाम के जगह मुण्डा लिखना पसन्द करते हैं |<ref>http://www.indanmirror.com/tribes/mundatribe.html</ref>
 
== सन्दर्भ ==