"बिहार": अवतरणों में अंतर

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== सन्दर्भ ==
लोगों का यह मानना है कि बिहार के लोग या बिहार के स्थायी निवासी बहुत ही मेधावी और मेहनती होते हैं। वह अपने दम पर कोई भी काम करते हैं तथा स्वाभिमानी होते हैं। प्राचीन काल से विश्व का गौरव कहे जाने वाले बिहार में वर्तमान साक्षरता दर बहुत कम है लेकिन परिस्थितियाँ बदल रही है और साक्षरता बढ़ रही है। बिहार के युवा पढ़ाई पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं। देश भर की सरकारी नौकरियों में चयनित होकर युवा बिहार का नाम रोशन कर रहे हैं। वर्तमान में पूरा भारत बिहार की प्रतिभा का लोहा मान रहा है। यहाँ की मिट्टी बहुत उपजाऊ है तथा कृषि यहाँ के लोगों की मुख्य जीविका है।
 
सन् 1936 और 2000 में [[ओडिशा]] और [[झारखण्ड]] के अलग हो जाने से बिहार ने कृषि के दम पर और अपने मेधा को लेकर उन्नति की है। [[आई आई टी]] और [[यूपीएससी]] जैसे कठिन परीक्षा में लगभग हर बार बिहार के प्रतिभागी अव्वल होते हैं। इनकी बढ़ती निष्ठा और गौरवशाली इतिहास बिहार को एक बार फिर से अनोखा और विकसित बनाएगा ।
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* यहाँ संगम के निकट [[गंगा]] को पार करने के पश्चात् [[राम]] तथा [[लक्ष्मण]] ने भयानक वन देखा, जहाँ राक्षसी ताड़का का निवास स्थान था। वह वन मलद और कारुष जनपदों के निकट था।
* विश्वामित्र के आश्रम को 'सिद्धाश्रम' भी कहा जाता था।
*बिहार के जमुई जिले के जंगल में भीमबांध नाम का एक बहुत ही सुंदर पर्यटक स्थल है। लोगों का कहना है कि महाभारत काल में जब पांडव अज्ञातवास पर थे तब वे इस स्थान पर भी आए थे। इस जंगल में भीम ने ठंडे और गर्म झड़ने के बीच एक बांध का निर्माण किया था। वर्तमान में इसे भीमबांध कहा जाता है। दिसंबर और जनवरी के महीनों में यहां हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं और जंगलों के बीच प्राकृति का आनंद लेते हैं।
 
[[बक्सर के युद्ध]] (1764) के परिणामस्वरूप निचले [[बंगाल]] का अंतिम रूप से [[ब्रिटिश]] अधिग्रहण हो गया। मान्यता है कि एक महान पवित्र स्थल के रूप में पहले इसका मूल नाम 'वेदगर्भ' था। कहा जाता है कि वैदिक मंत्रों के बहुत से रचयिता इस नगर में रहते थे। इसका संबंध भगवान राम के प्रारंभिक जीवन से भी जोड़ा जाता है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/बिहार" से प्राप्त