"होलकर": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 1:
'''होलकर राजवंश''' [[मल्हार राव]] से प्रारंभ हुआ जो १७२१ में [[पेशवा]] की सेवा में शामिल हुए और जल्दी ही सूबेदार बने। होलकर वंश के लोग 'होल गाँव' के निवासी होने से 'होलकर' कहलाए। अतः पूरे भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में इस जाती को अलग अलग नाम से जाना जाता है परंतु यह एक ही जाती है "वो हैं [[धानगर]]" [[अहिर]] इनके नाम अलग अलग है पूरे भारत में इनकी एक ही पहचान है और बाद में १८१८ तक मराठा महासंघ के एक स्वतंत्र सदस्य के रूप में मध्य भारत में [[इंदौर]] पर शासन किया और बाद में भारत की स्वतंत्रता तक ब्रीटिश भारत की एक रियासत रहे। <br />
<br />
होलकर वंश उन प्रतिष्ठित राजवंशों मे से एक था जिनका नाम शासक के शीर्षक से जुडा, जो आम तौर पर महाराजा होलकर या 'होलकर महाराजा' के रूप में जाना जाता था, जबकि पूरा शीर्षक 'महाराजाधिराज राज राजेश्वर सवाई श्री (व्यक्तिगत नाम) होलकर बहादुर, महाराजा ऑफ़ इंदौर' था।
|