"असफ अली": अवतरणों में अंतर

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==भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन==
1914 में, भारतीय मुस्लिम समुदाय पर ब्रिटिश साम्राज्य पर एक बड़ा प्रभाव पड़ा। असफ़ अली ने [[तुर्की]] खिलाफत पक्ष का समर्थन किया और प्रवी काउंसिल से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इसे असहयोग के एक अधिनियम के रूप में देखा और दिसंबर 1914 में भारत लौट आये। भारत लौटने के बाद, आसफ़ अली राष्ट्रवादी आंदोलन में एक आंदोलनकारी रूप से शामिल हो गए।
1919 के खिलाफत आंदोलन में शामिल होकर ब्रिटिश सरकार का विरोध किया। 1920-21 के दौरान गांधी जी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। 8 अप्रैल 1928 को भगतसिंह व बटुकेश्वर दत्त द्वारा दिल्ली केंद्रीय असेम्बली में बम फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया तो उनके बचाव पक्ष के वकील आसिफ अली बने।बने तथा उनके मुकदमे की पैरवी की। 1935 में मुस्लिम राष्ट्रवादी पार्टी के सदस्य के रूप में इन्हें केंद्रीय विधान सभा के लिए चुना गया था। वह [[मुस्लिम लीग]] के उम्मीदवार के खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में फिर से निर्वाचित हुए थे और इन्हें उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया था। 1942 में गांधी जी के आहवान पर भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुए। <ref>http://www.open.ac.uk/researchprojects/makingbritain/content/m-asaf-ali</ref>
 
==विवाह==