"जन्माष्टमी": अवतरणों में अंतर

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==जन्म की आवश्यकता==
अपने मामा कंस के अत्याचारों तथा पाप को मिटाने के लिए वासुदेव ने अवतार लिया था | महाभारत के युद्ध में अर्जुन को कहा था की '''यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्‌ ॥''' अर्थात जब जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है तब तब मैं धर्म की पुनः स्थापना करने के लिए तथा अधर्म के विनाश के लिए अपने स्वरूप को रचता हूँ |'''