"यूसुफ़ मेहर अली": अवतरणों में अंतर

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डॉ राममनोहर लोहिया,जयप्रकाश नारायण व नेहरू जी के संपर्क में आने पर वह राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़ गए। 3 फरवरी 1928 को सात सदस्यीय "कमीशन आयोग" मुम्बई आया तो युसुफ विरोध प्रर्दशन में शामिल हुए और " साइमन गौ बैक " का नारा दिया और गिरफ्तार हो कर जेल गए।
 
1930 में गांधी जी की दांडी मार्च नमक सत्याग्रह में प्रमुख रूप से शामिल हुए और गिरफ्तार होकर जेल गए। 1934 में वहउन्हें कांग्रेसब्रिटिश सोशलिस्टराज पार्टीषड़यंत्र रचने के आरोप में शामिलउन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 2 साल की सजा होहुई गए। 2 अक्टूबर 1936 को बंगाल में मेहर अली ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद व साम्प्रदायिकता के खिलाफ भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण में हिन्दू मुस्लिम एकता पर बल दिया।
 
1937 में मालाबार यात्रा के दौरान उनकी सभाओं पर रोक लगा दी गई और कालीकट पर गिरफ्तार कर 6 माह की कैद हुई। 1940 में गांधी जी के आहवान पर व्यक्तिगत आन्दोलन में शामिल हुए और फिर जेल गए। 1942 में गांधी जी के "भारत छोड़ो आंदोलन" में सक्रिय भूमिका निभाई और फिर गिरफ्तार होकर जेल गए।