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{{ज्ञानसन्दूक त्योहार
| त्योहार_के_नाम = जन्माष्टमी
|चित्र =|
 
|शीर्षक = माखन चुराते बाल कृष्ण
|अनुयायी = [[हिन्दू धर्म|हिन्दू]],[[नेपाली]], तथा [[भारतीय]]
|आधिकारिक_नाम = श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
 
|अम =
|तिथि = [[भाद्रपद]] [[माह]] की [[कृष्ण पक्ष]] की [[अष्टमी]] तथा इस वर्ष २४ अगस्त
|अनुयायी = [[हिन्दू धर्म|हिन्दू]],[[नेपाली]], तथा [[भारतीय]], नेपाली और भारतीय प्रवासी
 
|उद्देश्य = धार्मिकभगवान निष्ठा,कृष्ण उत्सवके आदर्शों को याद करना
|आरम्भ = अति प्राचीन
 
|तिथि = [[भाद्रपद]] [[माह]] की [[कृष्ण पक्ष]] की [[अष्टमी]] तथा इस वर्ष २४ अगस्त
|अनुष्ठान = भगवान का पूजन तथा व्रत
|दीर्घ-प्रकार =
 
|तारीख़ =
|उत्सव = दही की हांड़ी फोड़ना
'''|तिथि२०१० = [[२ सितंबर]]'''{{सही}}
 
|अनुष्ठान = श्रीकृष्ण की झाँकी सजाना व्रत व पूजन
|आरम्भ = भाद्रपद मास की अष्टमी को
|उत्सव = प्रसाद बाँटना, भजन गाना इत्यादि
 
|समान पर्व= [[राधा अष्टमी]], [[कृष्णाष्टमी]], [[शिवरात्रि]]
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}}
 
'''कृष्णजन्माष्टमी''' भगवान श्री कृष्ण का जनमोत्स्व है। योगेश्वर कृष्ण के भगवद गीता के उपदेश अनादि काल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। जन्माष्टमी भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इसे पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण ने अपना अवतार भाद्र माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में लिया। चूंकि भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इसीलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा नगरी भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती है।]
'''श्रीकृष्ण जन्माष्टमी''' विष्णु के अवतार श्री कृष्ण का जन्म दिवस है | कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र के दिन रात्री के १२ बजे मथुरा के कारागार में हुआ था | कृष्ण का जन्मदिन जन्माष्टमी के नाम से भारत, नेपाल, अमेरिका सहित विश्वभर में मनाया जाता है। कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। वे माता देवकी और पिता वासुदेव की ८वीं संतान थे। श्रीमद भागवत के वर्णन अनुसार द्वापरयुग में भोजवंशी राजा उग्रसेन मथुरा में राज करते थे। उनका एक आततायी पुत्र कंस था और उनकी एक बहन देवकी थी। देवकी का विवाह वसुदेव के साथ हुआ था। कंस ने अपने पिता को कारगर में डाल दिया और स्वयं मथुरा का राजा बन गया। कंस की मृत्यु उनके भानजे, देवकी के ८वे संतान के हाथो होनी थी। कंसने अपनी बहन और बहनोई को भी मथुरा के कारगर में कैद कर दिया और एक के बाद एक देवकी की सभी संतानों को मार दिया। कृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ तब कारागृह के द्वार स्वतः ही खुल गए और सभी सिपाही निंद्रा में थे। वासुदेव के हाथो में लगी बेड़िया भी खुल गई। वासुदेव अपने पुत्र को सूप में रखकर कारागृह से निकल पड़े |
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन मौके पर भगवान कान्हा की मोहक छवि देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आज के दिन मथुरा पहुंचते हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा कृष्णमय हो जाता है। मंदिरों को खास तौर पर सजाया जाता है। ज्न्माष्टमी में स्त्री-पुरुष बारह बजे तक व्रत रखते हैं। इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती है और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है। और रासलीला का आयोजन होता है।]
 
कृष्ण जन्माष्टमी पर भक्त भव्य चांदनी चौक, दिल्ली (भारत) की खरीदारी सड़कों पर कृष्णा झुला,] श्री लाडू गोपाल के लिए कपड़े और उनके प्रिय भगवान कृष्ण को खरीदते हैं। सभी मंदिरों को खूबसूरती से सजाया जाता है और भक्त आधी रात तक इंतजार करते हैं ताकि वे देख सकें कि उनके द्वारा बनाई गई खूबसूरत खरीद के साथ उनके बाल गोपाल कैसे दिखते हैं।
'''जन्माष्टमी कब की है -''' जन्माष्टमी कब मनाई जा रही है (2019) '''जन्माष्टमी''' क्यो है अबकी बार खास जानिये?
 
'''जन्माष्टमी डेट:''' जन्माष्टमी '''२४ अगस्त दिन शनिवार 2019''' की है।  शनिवार में होने वाली [https://www.aspo.xyz/2019/08/Janamasthmi-kab-he-2019-me.html Janamasthmi] है बहुत ख़ास, जानिए कृष्ण और शनिदेव की महिमा के बारे में. शनिदेव है कृष्ण के भक्त और शनिवार के दिन है जन्मआष्ट्मी।
 
==त्यौहार==
इस दिन लोग उपवास रखते हैं तथा भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं | दही से भरी हांडियों को फोड़ा जाता है | एक रस्सी को ऊपर बांधकर एक दही से भरी हांडी लटकाई जाती है | लोग इस हांडी को फोड़ते हैं | मंदिरों को सजाया जाता है तथा पूजा की जाती है | यह एक महत्वपूर्ण त्यौहार है |
 
==जन्म की तिथि==
महाभारत और कुछ पुराणों में किंवदंतियों के अनुसार घटनाओं के आधार पर यह कहा जाता है कि कृष्ण एक वास्तविक ऐतिहासिक व्यक्ति थे। उदाहरण के लिए, लानवान्य वेंसानी कहते हैं कि कृष्ण का पुराणों में ३२२७ ईसा पूर्व - ३१०२ ईसा पूर्व के बीच होने का अनुमान लगाया जा सकता है |
 
==जन्म की आवश्यकता==
अपने मामा कंस के अत्याचारों तथा पाप को मिटाने के लिए वासुदेव ने अवतार लिया था | महाभारत के युद्ध में अर्जुन को कहा था की '''''यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
'''''अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्‌ ॥''''' अर्थात जब जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है तब तब मैं धर्म की पुनः स्थापना करने के लिए तथा अधर्म के विनाश के लिए अपने स्वरूप को रचता हूँ |
 
==त्यौहार का समय==
त्यौहार का तिथि २४ अगस्त २०१९ है |
 
== उपवास के बारे में ==
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भृगु ने कहा है- जन्माष्टमी, रोहिणी और शिवरात्रि ये पूर्वविद्धा ही करनी चाहिए तथा तिथि एवं नक्षत्र के अन्त में पारणा करें। इसमें केवल रोहिणी उपवास भी सिद्ध है। अन्त्य की दोनों में परा ही लें।
 
== मोहरात्रि ==
श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी की रात्रि को मोहरात्रि कहा गया है। इस रात में योगेश्वर श्रीकृष्ण का ध्यान, नाम अथवा मंत्र जपते हुए जगने से संसार की मोह-माया से आसक्तिहटती है। जन्माष्टमी का व्रत व्रतराज है। इसके सविधि पालन से आज आप अनेक व्रतों से प्राप्त होने वाली महान पुण्यराशिप्राप्त कर लेंगे।
 
व्रजमण्डलमें श्रीकृष्णाष्टमीके दूसरे दिन भाद्रपद-कृष्ण-नवमी में नंद-महोत्सव अर्थात् दधिकांदौ श्रीकृष्ण के जन्म लेने के उपलक्षमें बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भगवान के श्रीविग्रहपर हल्दी, दही, घी, तेल, गुलाबजल, मक्खन, केसर, कपूर आदि चढाकर ब्रजवासीउसका परस्पर लेपन और छिडकाव करते हैं। वाद्ययंत्रोंसे मंगलध्वनिबजाई जाती है। भक्तजन मिठाई बांटते हैं। जगद्गुरु श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव नि:संदेह सम्पूर्ण विश्व के लिए आनंद-मंगल का संदेश देता है।
 
 
== सन्दर्भ ==
{{reflist}}
 
# [https://www.tipsreport.com/2019/08/janmashtami-2019-date.html Janmashtami  2019 : कब मनाए कान्हा का जन्म दिवस, जन्माष्टमी कब 23 या 24 अगस्त को]
 
==बाहरी कड़ियाँ==
{{हिन्दू पर्व-त्यौहार}}[https://www.aspo.xyz/2019/08/Janamasthmi-kab-he-2019-me.html जन्माष्टमी 2019]
 
[[श्रेणी:संस्कृति]]
[[श्रेणी:हिन्दू त्यौहार]]
[[श्रेणी:भारत में त्यौहार]]
[[श्रेणी:कृष्ण]]
[[श्रेणी:कृष्ण]] कृष्ण जन्माष्टमी को कानुडा के नाम से भी जाना जाता है इस पर गांव में विशेषकर लोगों द्वारा अपने हाथों से श्री कृष्ण भगवान की मूर्ति बनाकर पूरे दिन उनके साथ रहते हैं तथा गाना और ढोल बजाते हैं तथा शाम के समय उन्हें पुनः स्नान करवाकर अपने स्थान पर वापस भेज देते हैं