"ध्वनि": अवतरणों में अंतर

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* ध्वनि के संचरण के लिये माध्यम (मिडिअम्) की जरूरत होती है। ठोस द्रव, गैस एवं प्लाज्मा में ध्वनि का संचरण सम्भव है। [[निर्वात]] में ध्वनि का संचरण नहीं हो सकता।
* द्रव, गैस एवं प्लाज्मा में ध्वनि केवल [[अनुदैर्घ्य तरंग]] (longitudenal wave) के रूप में चलती है जबकि ठोसों में यह [[अनुप्रस्थ तरंग]] (transverse wave) के रूप में भी संचरण कर सकती है।। जिस माध्यम में ध्वनि का संचरण होता है यदि उसके कण ध्वनि की गति की दिशा में ही कम्पन करते हैं तो उसे अनुदैर्घ्य तरंग कहते हैं; जब माध्यम के कणों का कम्पन ध्वनि की गति की दिशा के लम्बवत होता है तो उसे अनुप्रस्थ तरंग कहते है।
* सामान्य ताप व दाब (NTP) पर वायु में ध्वनि का वेग लगभग 332 मीटर प्रति सेकेण्ड होता है। बहुत से [[वायुयान]] इससे भी तेज गति से चल सकते हैं उन्हें ''सुपरसॉनिक'' विमान कहा जाता है।
*मीटर प्रति सेकेण्ड होता है। बहुत से [[वायुयान]] इससे भी तेज गति से चल सकते हैं उन्हें ''सुपरसॉनिक'' विमान कहा जाता है।
* मानव कान लगभग २० हर्ट्स से लेकर २० किलोहर्टस (२०००० हर्ट्स) [[आवृत्ति]] की ध्वनि तरंगों को ही सुन सकता है। बहुत से अन्य जन्तु इससे बहुत अधिक आवृत्ति की तरंगों को भी सुन सकते हैं।
* एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर ध्वनि का [[परावर्तन]] एवं [[अपवर्तन]] होता है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/ध्वनि" से प्राप्त