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[[Image:Patanjali.jpg|right|thumb|300px|पतंजलि की मूर्ति]]
ये गोनर्द(संभवता गोंडा जिला) के निवासी थे, बाद में वे काशी में बस गए , इनकी माता का नाम गोणिका था ! '''पतंजलि''' [[योगसूत्र]] के रचनाकार है जो हिन्दुओं के छः [[दर्शन|दर्शनों]] (न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा, वेदान्त) में से एक है। भारतीय साहित्य में पतंजलि के लिखे हुए ३ मुख्य ग्रन्थ मिलते हैः [[योगसूत्र]], [[अष्टाध्यायी]] पर भाष्य और [[आयुर्वेद]] पर ग्रन्थ। कुछ विद्वानों का मत है कि ये तीनों ग्रन्थ एक ही व्यक्ति ने लिखे; अन्य की धारणा है कि ये विभिन्न व्यक्तियों की कृतियाँ हैं। पतंजलि ने [[पाणिनि]] के अष्टाध्यायी पर अपनी टीका लिखी जिसे [[महाभाष्य]] का नाम दिया (महा+भाष्य (समीक्षा, टिप्पणी, विवेचना, आलोचना))। इनका काल कोई २०० ई पू माना जाता है।<ref>Jonardon Ganeri, Artha: Meaning, Oxford University Press 2006, 1.2, p. 12</ref><ref>S. Radhakrishnan, and C.A. Moore, (1957). A Source Book in Indian Philosophy. Princeton, New Jersey: Princeton University, ch. XIII, Yoga, p. 453</ref><ref>Gavin A. Flood, 1996.</ref>
 
== जीवन ==