"भगवान": अवतरणों में अंतर
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{{स्रोतहीन|date=नवम्बर 2018}}
'''''भगवान = "मानव का शरीर चार भौतिक पदार्थ ( भ = भूमि , ग = गर्मी, व =वायु और न = नीर अर्थात भूमि+गर्मी+ वायु+नीर ) से निर्मित है " शोधकर्ता'''''
'''भगवान''' गुण वाचक शब्द है जिसका अर्थ गुणवान होता है। यह "भग" धातु से बना है ,भग के ६ अर्थ है:-
१-ऐश्वर्य
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५-ज्ञान और
६-सौम्यता
जिसके पास ये ६ गुण है वह भगवान है।
पाली भाषा में भगवान "भंज" धातु से बना है जिसका अर्थ हैं:- तोड़ना। जो राग,द्वेष ,और मोह के बंधनों को तोड़ चुका हो अथवा भाव में पुनः आने की आशा को भंग कर चुका हो भावनाओ से परे जहाँ सारे विचार शून्य हो जाये और वहीँ से उनकी यात्रा शुरु हो उसे भगवान कहा जाता है। == संज्ञा ==
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