"अलंकार (साहित्य)": अवतरणों में अंतर

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:बिनु वाणी वक्ता बड़ जोगी।
 
== १. [[अनुप्रास tyagiअलंकार ]]==
एक या अनेक वर्णो की पास पास तथा क्रमानुसार आवृत्ति को अनुप्रास अलंकार कहते हैं ।जहाँ एक शब्द या वर्ण बार बार आता है वहा अनुप्रास अलंकार होता है।है।अनुप्रास का अर्थ है दोहराना। जहां कारण उत्पन्न होता है अर्थात् काव्य में जहां एक ही अक्षर की आवृत्ति बार-बार होती है वहां अनुप्रास अलंकार होता है
 
#जैसे-१ तरनि तनुजातनूजा तट तमाल तरुवर बहु छायछाए।(त
जैसे;-
अक्षर की आवृत्ति)
# चारु- चंद्र की चंचल किरणेकिरणें खेल रही है
इसमे च वर्ण बार बार आया है
जल-थल में।(च तथा ल की आवृत्ति)
# तरनि तनुजा तट तमाल तरुवर बहु छाय
# रघुपति राघव राजा रामराम।(र अक्षर की
आवृत्ति)
 
== २. [[यमक अलंकार]] ==