"मौर्य राजवंश": अवतरणों में अंतर

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=== पतन के कारण ===
# अयोग्य एवं निर्बल उत्तराधिकारी,
# अम्राट अशोक का तिष्यरक्षिता से शादी करना और महारानी बनाना ।
# प्रशासन का अत्यधिक केन्द्रीयकरण,
# योग्यतम उत्तराधिकारी अशोक के पुत्र राजकुमार कुणाल पर तिष्यरक्षिता का षणयन्त्र ।
# राष्ट्रीय चेतना का अभाव,
# राधागुप्त का महामात्य बनना ।
# आर्थिक एवं सांस्कृतिक असमानताएँ,
#पतंजलि एवं पुष्पमित्र के द्वारा षण्यन्त्र ।
# प्रान्तीय शासकों के अत्याचार,
#ब्राह्मण धम्माचार्यो द्वारा षणयन्त्र ।
# करों की अधिकता।
#राजा बृहद्रथ मौर्य का सेनापति पुष्पमित्र शंगु पर अत्यधिक विश्वास ।[[डी डी कौशाम्बी|ड]] [[रोमिला थापर|र]]
# अशोक की धम्म नीति
 
विभिन्न इतिहासकारों ने मौर्य वंश का पतन के लिए भिन्न-भिन्न कारणों का उल्लेख किया है{{cn}}-
 
* हर प्रसाद शास्त्री - धार्मिक नीति (ब्राह्मण विरोधी नीति के कारण)
 
* हेमचन्द्र राय चौधरी - सम्राट अशोक की अहिंसक एवं शान्तिप्रिय नीति।
 
* [[डी डी कौशाम्बी]] - आर्थिक संकटग्रस्त व्यवस्था का होना।
 
* डी.एन. झा - निर्बल उत्तराधिकारी
 
* [[रोमिला थापर]] - मौर्य साम्राज्य के पतन के लिए केन्द्रीय शासन अधिकारी तन्त्र का अव्यवस्था एवं अप्रशिक्षित होना।
 
==मौर्य शासकों का शासनकाल==