"चिंतन": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
दिनेश यादव (वार्ता | योगदान) छो चिंतन मुख्य रूप से 2 प्रकार का होता है । 1-स्वली चिंतन 2-यथार्थवादी चिंतन स्वली चिंतन को हम काल्पनिक चिंतन और यथार्थवादी को वास्तविक चिंतन कहते है यथार्यवादी चिंतन 3 प्रकार के होते है 1-अपसारी 2-अभिसारी 3-आलोचनात्मक 1-अपसारी चिंतन -जो पूर्णतः स्वतंत्रत हो या गैर परम्परागत हो या जिसमे हम अपनी मनोभावना को व्यक्त कर सके उसे अपसारी चिंतन कहते है। 2-अभिसारी चिंतन-इस चिंतन के अंतर्गत हम एक नियम में बधे रहते है और हम इसमे अपनी मनोभावना को स्वतंत्रता पूर्वक व्यक्त नही कर सकते है उसे अभिसारी चिंतन कहते टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
|||
पंक्ति 30:
[[श्रेणी:दर्शन]]
[[श्रेणी:अवधारणाएँ]]
pk 7300360311 https://suvicharhindi.com/dil-ko-chune-wale-quotes-hindi-sms-status/
|