"मुहम्मद इक़बाल": अवतरणों में अंतर
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|other_names = अल्लमा इक़बाल
|birth_date = {{Birth date|1877|11|9|df=y}}
|birth_place = [[सियालकोट]], [[पंजाब (ब्रिटिश भारत)|पंजाब]], ब्रितानी भारत
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|website = [http://iqbal.com.pk अल्लमा इक़बाल
}}
'''मुहम्मद इक़बाल
इकबाल के दादा सहज सप्रू हिंदू कश्मीरी पंडित थे जो बाद में सिआलकोट आ गए।<ref>http://www.modernghana.com/blogs/268394/31/hindus-contribution-towards-making-of-pakistan.html</ref>
इनकी प्रमुख रचनाएं हैं: ''असरार-ए-ख़ुदी'', ''रुमुज़-ए-बेख़ुदी'' और ''बंग-ए-दारा'', जिसमें देशभक्तिपूर्ण [[तराना-ए-हिन्द]] (''सारे जहाँ से अच्छा'') शामिल है। फ़ारसी में लिखी इनकी शायरी [[ईरान]] और [[अफ़ग़ानिस्तान]] में बहुत प्रसिद्ध है, जहाँ इन्हें ''इक़बाल-ए-लाहौर'' कहा जाता है। इन्होंने [[इस्लाम]] के धार्मिक और राजनैतिक दर्शन पर काफ़ी लिखा है।
तराना-ए-मिल्ली (उर्दू: ترانل ملی) या समुदाय का गान एक उत्साही कविता है जिसमें अल्लामा मोहम्मद इकबाल
इक़बाल ने हिन्दोस्तान की आज़ादी से पहले "तराना-ए-हिन्द" लिखा था, जिसके प्रारंभिक बोल- "सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा" कुछ इस तरह से थे। उस समय वो इस सामूहिक देशभक्ति गीत से अविभाजित हिंदुस्तान के लोगों को एक रहने की नसीहत देते थे और और वो इस गीत के कुछ अंश में सभी धर्मों के लोगों को 'हिंदी है हम वतन है' कहकर देशभक्ति और राष्ट्रवाद की प्रेरणा देते है।
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इकबाल पाकिस्तान का जनक बन गए क्योंकि वह "पंजाब, उत्तर पश्चिम फ्रंटियर प्रांत, सिंध और बलूचिस्तान को मिलाकर एक राज्य बनाने की अपील करने वाले पहले व्यक्ति थे", इंडियन मुस्लिम लीग के २१ वें सत्र में ,उनके अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने इस बात का उल्लेख किया था जो २९ दिसंबर,१९३० को इलाहाबाद में आयोजित की गई थी।<ref>https://www.dawn.com/news/1219465</ref>
[[भारत का विभाजन|भारत के विभाजन]] और [[पाकिस्तान]] की स्थापना का विचार सबसे पहले इक़बाल ने ही उठाया था<ref>https://www.dawn.com/news/1219465</ref><ref name="News18 इंडिया 2017">{{cite web | title=इकबाल की कलम बनी आवाज, सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां...- News18 Hindi | website=News18 इंडिया | date=१७ जुलाई २०१७| url=https://hindi.news18.com/photogallery/great-urdu-poet-muhammad-iqbal-974609-page-4.html | language = hi | accessdate=२६ अप्रैल २०१८}}</ref>। [[1930]] में इन्हीं के नेतृत्व में [[मुस्लिम लीग]] ने सबसे पहले भारत के विभाजन की माँग उठाई<ref name="The Siasat Daily 2016">{{cite web | title=जन्म-दिन विशेष: देश का “क़ौमी तराना” लिखने वाले अल्लामा इक़बाल
==विभाजन का विचार ==
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