"रविदास": अवतरणों में अंतर

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{{स्रोतहीन|date=अगस्त 2019}}
'''साहिब सतगुरु रविदास जी''' महान संतों में अग्रणी थे जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से भारत में स्थापित ब्राह्मणी व्यवस्था और पाखंडवाद अंडम्बरवाद अंध विश्वास को खत्म करने में अहम भूमिका निभायी । इनकी रचनाओं की विशेषता [[लोक-वाणी]] का अद्भुत प्रयोग रही है जिससे जनमानस पर इनका अमिट प्रभाव पड़ता है। मधुर एवं सहज संत शिरोमणि रैदास की वाणी ज्ञानाश्रयी होते हुए भी ज्ञानाश्रयी एवं प्रेमाश्रयी शाखाओं के मध्य सेतु की तरह है।प्राचीनकाल से ही भारत में विभिन्न धर्मों तथा मतों के अनुयायी निवास करते रहे हैं। इन सबमें मेल-जोल और भाईचारा बढ़ाने के लिए सन्तों ने समय-समय पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसे सन्तों में शिरोमणि सतगुरु रविदास जी का नाम अग्रगण्य है। इनकी याद में माघ पूर्ण को रविदास जयंती मनाई जाती हैं।