"क़ुरआन की आलोचना": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पहले से मौजूद सारी बातें तर्कहीन और झूठी थी जिसे सुधारा गया।
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1:
कुरान में कुछ भी ऐसा नहीं जिसकी आलोचना की जाए, कुरान ही सत्य है तमाम किताबों में, क्योंकि कुरान कोई आम किताब नहीं, यह अल्लाह का कलाम है। जो भी इसकी आलोचना करता है या तो वह जाहिल है या फिर वह ईर्ष्या रखता है, वरना अगर कोई चाहे तो डिबेट कर सकता है।
क़ुरआन इस्लाम मत की प्रमुख पुस्तक है ।
 
== गैर मुस्लिमों के लिए हिंसक ==